टैक्स प्लानिंग में बच्चों की ट्यूशन फीस को भी शामिल करें. आयकर अधिनियम, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है. इसलिए इस रकम को आप 1.5 लाख रुपये की टैक्स फ्री निवेश राशि में शामिल कर सकते हैं।

ट्यूशन फीस आपकी सालाना कमाई में से घटा दी जाती है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है. उदाहरण के लिए यदि आप सबसे अधिक कमाई वाले स्लैब मतलब 30% आयकर में आते हैं, तो 80,000 रुपये की ट्यूशन फीस भरने पर आप 24,720 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं, शिक्षक यदि बचत उपरांत 5 लाख से कम रहता है, तो 80000 फीस पर 2520/- रुपया बचाया जा सकता है।

● क्या सभी संस्थानों की ट्यूशन फीस पर मिलती है छूट?

भारत सरकार के साथ पंजीकृत किसी भी स्कूल, कॉलेज या अन्य शिक्षा संस्थान में दाखिले के समय या वित्त वर्ष में किसी भी समय भरी गई फीस टैक्स लाभ के लिए मान्य है.

किस प्रकार की शिक्षा पर मिलेगा लाभ?

शिक्षा संस्थान का पूर्ण-कालिक संस्थान होना जरूरी है. इसमें प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाएं भी शामिल हैं. यह संस्थान निजी, सरकारी या सरकारी मदद से चलने वाला हो सकता है.

● क्या शामिल नहीं किया जाता?

कई बार अभिभावकों को ट्यूशन फीस के अलावा भी कई प्रकार के शुल्क जमा कराने होते हैं. मसलन-डेवेलपमेंट फीस, डोनेशन, कैपिटेशन फीस. ऐसी फीस टैक्स छूट के लिए मान्य नहीं है. इस भुगतान पर आप टैक्स छूट का लाभ नहीं उठा सकते. इसके अलावा लेट फीस पर चुकाया गया दंड भी शामिल नहीं होता।

कितने बच्चों पर मिलती है छूट?

ट्यूशन फीस पर मिलने वाली छूट का इस्तेमाल दो बच्चों तक की सीमित है. यदि माता-पिता दोनों ही कामकाजी हैं, तो वे अलग-अलग तरीके से इस छूट का फायदा उठा सकते हैं।

किस अभिभावक को मिलता है लाभ?

इसका गणित साफ है. टैक्स भुगतान करने वाले अभिभावक को ही टैक्स में फायदा मिलता है. यदि दोनों ही अभिभावक काम करते हैं और टैक्स भरते हैं, तो दोनों ही अलग-अलग रूप से इसका लाभ उठा सकते हैं.

सेक्शन 80सी में मिलने वाली छूट का फायदा उसी रकम पर मिलेगा, जिसका आपने भुगतान किया है. यानी यदि माता और पिता दोनों ने कुल 2 लाख रुपये की ट्यूशन फीस जमा की है, जिसमें पिता ने 50,000 रुपये और माता ने 1.5 लाख रुपये की भुगतान किया है, तो वे इसी राशि पर ही छूट प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सेक्शन 80सी के अनुसार, टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है. पहले यह देखिए की ट्यूशन फीस भरने के बाद इस रकम का कितना हिस्सा बचता है. इस बचत के साथ अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उच्च शिक्षा के लिए प्लानिंग करना न भूलें.

इसके लिए जरूरी है कि आप अनुमान लगाएं कि आपको उच्च शिक्षा के खर्च में कितनी राशि की जरूरत होगी और उस राशि को करीब 3 अच्छी इक्विटी स्कीम में एसआईपी के जरिए लगा सकते हैं. इसके अलावा आप टर्म इंश्योरेंस में भी इस खर्च को शामिल कर सकते हैं।