बेसिक शिक्षक परिवार न्यूज़ -  अभी हाल ही में बेसिक शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों कर्मचारियों ने कोरोना वायरस से बचावव रोकथाम हेतु उत्तर प्रदेश सरकार से मुख्यमंत्री आपदा राहत बचाव कोष में अपना एक दिन वेतन देने का ऐलान किया था । पूरे शिक्षकों व कर्मचारियों के एक दिन की धनराशि 76 करोड़ 14 लाख 55 हज़ार पाँच सौ सैंतीस रूपए बेसिक शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री कोष में जमा करने का ऐलान किया ।

शिक्षकों के इस कदम से मुख्य मंत्री बड़े प्रसन्न हुए । उन्होंने मीडिया के सामने इस बात के लिए हर्ष प्रकट किया और बेसिक शिक्षा परिषद के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को इस योगदान के लिए बधाई दी ।वहीं समाजवादी पार्टी के एमएलसी आनंद भदौरिया ने योगदान को एक नया रूप देकर सोशल मीडिया पर एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है ।

बेसिक शिक्षकों के वेतन पर कमेंट करने वाले एमएलसी को शिक्षकों ने किया ट्रोल, दिया करारा जवाब, कहा - माननीयों के इतने वेतन भत्ते लेने के बाद देश की हालात..??

एमएलसी आनंद भदौरिया ने शिक्षकों के फ़ेसबुक पर लिखा -
अपने यूपी में हमारे गरीब-गुरबा के नौनिहालों की पढ़ाई के लिए बेसिक शिक्षा में लगे समस्त जनों की तनखवाह पर छियत्तर करोड़ चौदह लाख पचपन हज़ार पाँच सौ सैंतीस रुपए प्रतिदिन खर्च आता है और....

The teachers trolled the MLC for defraying the salary of the basic teachers, saying - condition of the country after the honorable people took this much salary allowance .. ??

बेसिक शिक्षकों के वेतन को फिजूलखर्ची बताने वाले एमएलसी को शिक्षकों ने किया ट्रोल, दिया करारा जवाब, कहा - माननीयों के इतने वेतन भत्ते लेने के बाद देश की हालात..??
बेसिक शिक्षकों के वेतन को फिजूलखर्ची बताने वाले एमएलसी को शिक्षकों ने किया ट्रोल, दिया करारा जवाब, कहा - माननीयों के इतने वेतन भत्ते लेने के बाद देश की हालात..
एमएलसी आनंद भदौरिया के इस टिप्पणी के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है । शिक्षकों ने एमएलसी आनंद भदौरिया को ट्रोल करना शुरू कर दिया है । कई शिक्षकों ने सोशल मीडिया के ज़रिए इस कमेंट पर करारा जवाब दिया है ।
फेसबुक पर दुर्गेश प्रताप सिंह लिखते हैं ।

- सांसदों,विधायकों, व मंत्रियों पर कितना खर्च होता है पैसा

- सोचिए....... कल कोरोना वायरस से प्रदेश की जनता को संरक्षित रखने व प्रभावितों के इलाज हेतु प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा के शिक्षकों/कर्मचारियों द्वारा अपने वेतन से एक दिन के वेतन क़रीब 76 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने पर उत्तर प्रदेश विधानपरिषद सदस्य श्री आनंद भदौरिया, शिक्षा पर प्रतिदिन खर्च से चिंतित होने लगे। मैंने भी सोचा क्यों न इन माननीयों पर खर्च होने वाली राशि का मोटा-मोटा हिसाब-किताब जनता के सामने रख दिया जाए।

प्रदेश में विधान सभा (404 सदस्य), विधान परिषद (100 सदस्य), इन्ही में से मुख्यमंत्री/मंत्री व 1 राज्यपाल अर्थात कुल 505 लोगों के वेतन-भत्ते व अन्य सुख-सुविधा के लिए इस वित्तीय वर्ष में क़रीब 3718 करोड़ रुपए (37,18,19,36,000) का बजट पास हुवा है। जिससे इन 505 माननीयों पर प्रतिदिन क़रीब 10 करोड़ रुपए (10,18,68,317) का खर्च आता है अर्थात औसतन प्रत्येक पर प्रतिदिन 2,01,719 रुपए प्रदेश की जनता खर्च कर रही है। इसके अलावा विधायक निधि, अन्य कमाई के श्रोत, सुरक्षा-संरक्षा, वीआईपी मान-सम्मान और आजीवन पेंशन अलग से मिलता है।

अब आते हैं प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक/कर्मचारियों पर, जिसमें प्रदेश के क़रीब 6,00,000 मध्यमवर्गीय लोग काम करते है, जिनके एक दिन का वेतन क़रीब 76 करोड़ रुपए (76,14,55,537) है अर्थात औसतन प्रति कर्मचारी प्रतिदिन 1269 रुपए पाता है, इसके अलावा इसके पास आय का न तो कोई अन्य श्रोत है, न अन्य कुछ करके कमाने की अनुमति है, न कोई निधि है, न कोई व्यक्तिगत सुरक्षा है, न कोई सरकारी आवास है, न कोई विशेष स्वास्थ्य सुविधा है, न कोई सरकारी वाहन है, न कोई वीआईपी मान-सम्मान, न कोई पेंशन है और यदि एक कर्मचारी पर औसतन तीन पारिवारिक सदस्य भी जोड़ लें तो क़रीब 24 लाख लोग इस मामूली सी आय पर निर्भर है।  इसके बावजूद भी शिक्षकों ने अपने वेतन से दान दिया है और आप में से जो थोड़े-बहुत विधायकों ने दिया भी है तो जनता के ही निधि-विधायक निधि से।

अब सोचिए माननीय, आप पर प्रतिदिन आने वाला खर्च 2,01,719 रुपए ज़्यादा है या एक शिक्षक पर प्रतिदिन आने वाला खर्च 1269 रुपए ज़्यादा है? आपकी आय आयकर मुक्त है, शिक्षक की आयकर युक्त। बाक़ी समाज में शिक्षा और शिक्षक की आवश्यकता और भूमिका तो भली-भाँति जानते ही होंगे या उससे भी श्रीमान जी को अवगत कराना पड़ेगा?