एमडीएम ले तहत तैनात लगभग चार लाख रसोइयों को गुणवत्तापूर्ण भोजन बनाने की मिलेगी ट्रेनिंग - mdm cook training for quality food
प्रदेशभर के स्कूलों में मिड-डे-मील योजना बनाने वाली 3.84 लाख रसोइयों को अब पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण ने इसका ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार कर लिया है और कोरोना के कारण लगे प्रतिबंधों में ढील मिलने के बाद जिलों में प्रशिक्षण शुरू होगा। 2004 में मध्यान्ह भोजन योजना शुरू होने के बाद यह पहला अवसर होगा जब इतने बड़े पैमाने पर रसोइयों को प्रशिक्षण मिलेगा। इससे 8वीं तक के 1.80 करोड़ बच्चों को लाभ होगा। प्रशिक्षण का उद्देश्य रसोइयों में भोजन की सुरक्षा, स्वच्छता, 
पौष्टिकता की बेहतर समझ विकसित करना है। इससे उनके द्वारा पकाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में सुधार होगा। प्रशिक्षण 31 मार्च 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। महानिदेशक स्कूली शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग और मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण ने ट्रेनिंग का मॉड्यूल तैयार कर लिया है और हालात में सुधार होने के बाद प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान रसोइयों को व्यक्तिगत साफ-सफाई, भोजन का समुचित रख-रखाव जैसी बातों को भी बताया जाएगा। वर्तमान में 1.15 लाख परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के साथ ही 54 हजार परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूल, राजकीय, सहायता प्राप्त और मदरसा आदि में मिड-डे- योजना संचालित है। केंद्र सरकार ने यूपी में 2019-20 सत्र के लिए रसोइयों के 3,96,959 पद स्वीकृत किए थे जिनमें से 3,84,475 रसोइयें कार्यरत हैं।


रसोइयों को प्रशिक्षण देने से निश्चित रूप से बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध होगा। रसोइयों को भोजन बनाने के दौरान साफ-सफाई रखने, सब्जियों को अच्छी तरह से धुलने, पके - पकाए भोजन को ढककर रखने, सिलेंडर को सुरक्षित रखने आदि की भी रसोइयों को प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण के दौरान रसोइयों को ट्रेनिंग दी जाएगी। सुनीत पांडेय, मंडल समन्वयक मिड-डे-मील