up govt inter district transfer 2020 कुछ जिलों में पद अधिक न होने से शिक्षकों की घर वापसी मुश्किल
कोरोना काल के बाद अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। मेरठ मंडल के तीन जिलों में स्थानांतरण के लिए शिक्षक सबसे ज्यादा जोर लगा रहे हैं। स्कूलों में पद कम होने के कारण शिक्षकों का घर जाने का सपना टूट जाएगा। जिले से 1148 शिक्षकों ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है।



बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शासन के आदेश के पर शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया है। जिन शिक्षकों की किसी कारणवश फाइल निरस्त हो गई थी, विभाग अब उनसे प्रत्यावेदन लिया जा रहा है। अक्तूबर माह के पहले सप्ताह में शिक्षकों के ट्रांसफर की सूची आएगी। स्थानांतरण लेने के लिए सबसे ज्यादा तीन जिलों में शिक्षकों की भीड़ है। इसमें गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और मेरठ जिला शामिल है। मगर इन जिलों में रिक्तियां कम होने के कारण काफी शिक्षकों के घर जाने का सपना टूट जाएगा। 


आवेदन के दौरान तीन जिलों के जो विकल्प शिक्षकों को दिए थे, उनमें शिक्षकों ने यही जिले सबसे भरे हैं। जबकि बागपत, हापुड़ और अमरोहा जिले में शिक्षकों द्वारा ज्यादा आवेदन नहीं किया है। अखंड प्रताप सिंह, बीएसए बुलंदशहर बताते हैं कि अंतरजनपदीय स्थानांतरण को लेकर प्रक्रिया चल रही है। कुछ जिलों में पद कम हैं, शासन स्तर से पद निर्धारित किए गए हैं। विभाग द्वारा पूरा डाटा तैयार किया जा रहा है। जल्द ही शासन में इसकी सूची भेज दी जाएगी।


तीनों जिलों में पदों की संख्या

गाजियाबाद प्राथमिक में सहायक अध्यापक के 18, प्रधानाध्यापक एक, उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक एक, सहायक अध्यापक 41 पद हैं। मेरठ में प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के 87, प्रधानाध्यापक एक और उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापक का एक व सहायक अध्यापक के 117 पद हैं। इसके अलावा गौतमबुद्धनगर प्राथमिक में सहायक अध्यापक के 168 और प्रधानाध्यापक और उच्च प्राथमिक में केवल 64 पद रिक्त हैं।