एमडीएम के तहतएमडीएम के तहत बच्चों को नाश्ता व खाने में मशरूम व शहद मिलने के आसार mdm menu news
केंद्र सरकार मिड डे मील योजना में स्कूलों के बच्चों के लिए सुबह के नाश्ते को शामिल करने पर विचार कर रही है। इस बारे में उसने राज्यों से सुझाव मांगे हैं।
  • केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को लिखा पत्र
  • नई शिक्षा नीति में की गई है इसकी वकालत
नई शिक्षा नीति में मिड डे मील योजना में स्कूली बच्चों के लिए सुबह के नाश्ते को शामिल करने की वकालत की गई है, ताकि छात्र-छात्रएं स्फूर्तिवान रहें। साथ ही प्री-प्राइमरी कक्षाओं (बाल वाटिका) के बच्चों को भी मिड-डे मील में शामिल करने की अनुशंसा की गई है। केंद्र सरकार ने सुबह के नाश्ते को शामिल करने और प्री-प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को मिड-डे मील में शामिल करने के बारे में राज्यों से उनके सुझाव मांगे हैं। प्रदेश में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के 1.8 करोड़ बच्चों को मिड-डे मील दिया जाता है। वहीं प्रदेश के 1.87 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को गर्म पका हुआ खाना दिया जाता है। इस बारे में मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण के निदेशक विजय किरन आनंद ने केंद्र की मंशा पर सहमति जताई है।

मिड डे मील में शहद और मशरूम को करें शामिल
केंद्र ने राज्यों से मिड डे मील में शहद और मशरूम को शामिल करने की
व्यावहारिकता पर गौर करने के लिए भी कहा है। शहद को पूर्ण आहार बताते हुए इसमें शामिल माइक्रो न्यूट्रियंट्स को पाचन और भोजन के अवयवों को अवशोषित करने में सहायक बताया गया है। वहीं मशरूम को सुपर फूड बताते हुए इसे मिड डे मील में शामिल करने की सलाह दी गई है | इसमें फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो मस्तिष्क की सेहत के लिए अच्छा होता है | इससे बच्चों में प्रोटीन की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी । आनंद का कहना है कि स्कूल खुलने पर मिड डे मील में शहद और मशरूम को शामिल करने पर विचार होगा