अंतर्जनपदीय स्थानांतरण 2020 - हाईकोर्ट के फैसले से इन शिक्षक शिक्षिकाओं को मिलेगा लाभ Inter District Transfer High court Order Benefit


सूबे के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों पर शुरू रुक गई है। 

आप सभी को याद होगा कि योगी सरकार ने लॉकडाउन से पहले शिक्षकों की ट्रांसफर नीति में बदलाव किया था, जिसमें बेसिक शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए 5 साल की समय सीमा को 3 साल कर दिया गया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण में अध्यापिकाओं को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि अध्यापिकाएं यदि एक बार अंतरजनपदीय तबादला ले चुकी हैं और उसके बाद उनकी शादी हुई है तो वे अंतरजनपदीय तबादले की मांग करसकती हैं।

उन्हें मेडिकल आधार पर भी दोबारा तबादले की मांग करने का अधिकार है, यह राहत सिर्फ अध्यापिकाओं के लिए है जबकि अध्यापकों पर दो दिसंबर 2019 का शासनादेश लागू होगा और वे एक बार अंतरजनपदीय तबादले के बाद दोबारा तबादले की मांग नहीं करेंगे।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने प्रदेश सरकार की अंतरजनपदीय तबादला नीति को चुनौती देने वाली दिव्या गोस्वामी सहित अन्य कई याचिकाओं पर दिया है। 

इससे पूर्व हाईकोर्ट ने 15 अक्टूबर को इस मामले पर फैसला सुरक्षित करते हुए बेसिक शिक्षा परिषद को तबादलों की सूची को अंतिम रूप नहीं देने का निर्देश दिया था। 

शिक्षकों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, सीमांत सिंह, अनिल सिंह बिसेन ने बताया कि नीति में दो दिसंबर 2019 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी। 

कहा गया कि जो शिक्षक एक बार अंतरजनपदीय तबादला ले चुके हैं, वे पुनः तबादले की मांग नहीं कर रहे होंगे, इन वकीलों ने बताया कि कोर्ट ने शासनादेशके क्लाज 16 कोसही नहीं माना, कोर्ट ने कहा कि कक्षा 16 बेसिक शिक्षा स्थानातंरण नीति 2008 और ए.टी.ई. एक्ट 2009 के प्रावधानों के विपरीत है।