Inter District Transfer 2020 - अंतर्जनपदीय ट्रांसफर हाईकोर्ट आर्डर की खास बातें पढ़ें, दिव्यांग, महिलाओं और एकल माता पिता के आधार पर पात्र अभ्यर्थियों को अवसर की सीमा में बांधना मानवीय और विधिक संवेदनाओं के विरुद्ध

1-- न्यायालय ने शासन की चल रही प्रक्रिया को दोषमुक्त  माना और प्रक्रिया के विरुद्ध डाली गई समस्त याचिकाओं को खारिज कर दिया।
2-- नियमित स्थानान्तरण को परिभाषित करते हुए न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की मांग को स्वीकार किया और सरकार को आदेशित किया कि दिव्यांग, महिलाओं और एकल माता पिता के आधार पर पात्र अभ्यर्थियों को अवसर की सीमा में बांधना मानवीय और विधिक संवेदनाओं के विरुद्ध होगा।

अतः समस्त महिला, दिव्यांग और एकल माता पिता के आधार पर मिलने वाले अनुमन्य लाभ को अभ्यर्थी एक से भी अधिक बार लेने का पूर्ण अधिकारी है।

निष्कर्ष-- अब पुनः ऐसे अभ्यर्थियों से लिये जाएंगे आवेदन जो पूर्व में उपर्युक्त आधार पर स्थानान्तरण ले चुके हैं या लेने के बाद पुनः इस आधार पर लाभ पाने के पात्र बन चुके हैं।

विशेष लाभ उन अभ्यर्थियों को प्राप्त होगा जो महिलाएं पूर्व में ट्रांसफर का लाभ ले चुकी हैं और पुनः आवेदन करेंगी या पहले अविवाहित थीं या जिनके पति की शासकीय सेवा में बाद में नियुक्ति हुई है।

तो अब 18 अंकों से कम वाले पुरुष अभ्यर्थी दौड़ से लगभग बाहर हो जाएंगे किन्तु वास्तव में पात्र अभ्यर्थियों के लिए न्यायालय  ने आदेश दे दिया है।