Artifical Intelligence Courses 2022 | जूनियर वर्ग के बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) पढ़ाने की तैयारी

प्रयागराज कक्षा छह, सात और आठ के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) शामिल करने की तैयारी है। इससे छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के साथ उनके कौशल विकास पर भी जोर दिया जाएगा। जिन खिलौनों से खेलते बचपन बीतता है उन्हीं की तकनीक को प्रारंभिक शिक्षा में ही विद्यार्थी सीखेंगे। तमाम मशीनों जैसे जेसीबी, डस्ट स्वीपिंग व हाइड्रोलिक वाली मशीनों की कार्य प्रणाली, उसके संचालन में प्रयोग होने वाले सिद्धांतों व उनका जीवन में किस तरह प्रयोग हो सकता है, इसे जान सकेंगे।

यह बदलाव लगातार हो रहे डिजिटलीकरण की राह को भी आसान करेगा। हालांकि, अभी इसे पाठ्यक्रम में किस तरह शामिल करना है इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान में मंगलवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बच्चों को कैसे पढ़ाना है, अलग- अलग विषयों में किस तरह उनका समावेश किया जा सकता है, इन सभी बिंदुओं पर मंथन के लिए विभिन्न कालेजों और महाविद्यालयों के शिक्षक एकत्र हुए। सभी ने अपने विचार साझा किए। खासकर गणित, विज्ञान और कृषि के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने पर मंथन चल रहा है। कंप्यूटर विज्ञान के विशेषज्ञ विश्वनाथ मिश्र ने बताया कि रोबोटिक्स के साथ बड़ी-बड़ी मशीनों के संचालन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग होता है। यह चीजें सामान्य विद्यार्थी नहीं समझते। समझ विकसित करने के लिए प्रारंभिक स्तर से ही जूनियर वर्ग के विद्यार्थियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताने व तकनीक से उसके जुड़ाव को समझाया जाएगा तो बेहतर नतीजे मिलेंगे। गणित, विज्ञान और कृषि की पुस्तकों में चित्रों की मदद से गणना के तरीकों को व्यावहारिक प्रयोग के साथ बड़ी मशीनी संरचनाओं को बताया जा सकता है। छात्र को मृदा परीक्षण में प्रयोग होने वाली मशीनों के तरीके समझाए जा सकेंगे। विषय विशेषज्ञों का कहना है कि यदि विद्यार्थी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को समझने लगेंगे तो उनका कौशल विकास आसान हो जाएगा और नवाचार दिखेंगे।