Vidhayak Nidhi | मुख्यमंत्री योगी ने तीन से बढ़ाकर पांच करोड़ की विधायक निधि, वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधायक अब क्षेत्र के विकास पर पहले से ज्यादा पैसा खर्च कर सकेंगे। योगी सरकार ने क्षेत्रीय विकास निधि (विधायक निधि) को तीन करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष कर दिया है। इसमें महत्वपूर्ण यह भी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सत्र में विपक्षी विधायकों की मांग पर यह बड़ी घोषणा की। वर्ष 2019 तक यह निधि मात्र डेढ़ करोड़ रुपये थी, जिसे तीन वृद्धियों के साथ पांच करोड़ तक पहुंचा दिया गया है।
सदन में मंगलवार को बसपा विधानमंडल दल के नेता ने विधायक निधि को पांच करोड़ रुपये किए जाने की मांग सरकार से की। इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण और फिर बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र ‘मोना’ ने भी बढ़ती महंगाई का तर्क देते हुए निधि बढ़ाने का अनुरोध किया था।
सत्र के अंतिम दिन बजट पर अपना संबोधन देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय विकास निधि को तीन से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा कर दी। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने मेज थपथपाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वहीं, नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा कि सभी सदस्य चाहते थे कि निधि बढ़ाई जाए। नेता सदन ने इसे स्वीकार कर लिया। इसके लिए अखिलेश ने सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।
उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने विधायक निधि में तीसरी बार वृद्धि की है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान वर्ष 2019 में उन्होंने इसे डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ किया। फरवरी, 2020 में निधि को तीन करोड़ रुपये कर दिया गया।
फिर कोरोना महामारी के दौरान मंत्रियों-विधायकों के भत्तों में तीस प्रतिशत की कटौती के साथ एक वर्ष के लिए विधायक निधि को निलंबित कर दिया गया था, जिसे मार्च, 2021 में बहाल कर दिया गया। अब दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही योगी ने निधि को पांच करोड़ रुपये करने का बड़ा निर्णय लिया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: विधान परिषद में नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी-योगी की सरकार में राजनीति व्यापार नहीं बल्कि गरीबों की सेवा का मिशन है। डबल इंजन वाली हमारी सरकार द्वारा गरीबों-किसानों का ख्याल रखने का ही नतीजा रहा कि विधानसभा चुनाव में विपक्ष का कई जिलों में खाता तक नहीं खुला। सपा का सफाया हो गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी जिस तरह से झूठ बोल रहे थे उसकी तो कल्पना नहीं कर सकते थे। बजट का समर्थन करते हुए सिंह ने कहा कि हम घोषणा नहीं करते बल्कि जनता की सेवा का संकल्प लेते हैं जिसे पूरा भी करते हैं।
मंगलवार को विधान परिषद से वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट ध्वनिमत से पारित होने से पहले नेता सदन ने योगी सरकार की तमाम उपलब्धियां और बजट की खूबियां गिनाते हुए कहा कि कोरोना के बावजूद तमाम अधूरी परियोजनाएं पूरी की गईं। पूर्व की सपा सरकार के पांच वर्ष की तुलना में पिछली योगी सरकार के दौरान छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। विपक्ष द्वारा शेरो-शायरी के अंदाज में बजट को किसान, गरीब, पिछड़ा वर्ग विरोधी, दिशाहीन और जनता के साथ धोखा बताए जाने का जवाब सिंह ने कुछ इस तरह से दिया कि ‘यूं ही नहीं मिलती राही को मंजिल, एक जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है। पूछा चिड़िया से कैसे बनाया आशियाना, बोली-भरनी पड़ती है उड़ान बार-बार, तिनका-तिनका उठाना पड़ता है’। नेता सदन ने बजट को सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास वाला बताते हुए कहा कि विपक्ष को बजट का समर्थन करना चाहिए। डा. महेन्द्र सिंह ने बजट का समर्थन करते हुए कहा कि पूर्व की सरकार अपना विकास और दूसरों का विनाश करती थी। राजनीति का अपराधीकरण और जंगलराज था लेकिन अब योगी सरकार सबका विकास हो रहा है। राज्य में नहरों का जाल बिछा है। एके शर्मा ने कहा कि बजट में समाज के अंतिम व्यक्ति तक की चिंता की गई है। सपा सरकार में तो आदमी की उन्नतशील प्रजाति के तौर पर माफिया-गुंडों को पाला-पोसा गया।
लखनऊ : योगी सरकार की ओर से पेश किया गया वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित हो गया। इसी के साथ विधानमंडल सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। विधान सभा में मुख्यमंत्री की ओर से बजट का समर्थन किये जाने के बाद वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट को पारित करने का प्रस्ताव किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले सपा के लालजी वर्मा ने बजट पर कटौती का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने बहुमत से अस्वीकार कर दिया।
जिलों में भी खुलेंगे अटल आवासीय विद्यालय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान सभा में बताया कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों और अनाथ बच्चों के लिए अभी मंडल मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय बनाये जा रहे हैं जिनमें नए सत्र से पढ़ाई शुरू होगी। भविष्य में अटल आवासीय विद्यालयों को पहले जिलों, फिर ब्लाक और इसके बाद न्याय पंचायत स्तर पर भी स्थापित किया जाएगा। राज्य सरकार ने प्रदेश में 16 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। अभी प्रदेश में चार सैनिक स्कूल संचालित हैं जबकि एक निर्माणाधीन है। योगी ने कहा कि ओबरा, जवाहरपुर (एटा), घाटमपुर और पनकी में निर्माणाधीन पावर प्लांट के चालू होने पर 5280 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पैदा होगी।