Shikshak Sathi 2022 Selection | बेसिक स्कूलों में शिक्षक साथी का होगा चयन, परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य में की निगरानी करेंगे रिटायर्ड शिक्षक, ये होगी जिम्मेदारी और ऐसे होगा चयन
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षण कार्य की निगरानी में अब सेवानिवृत्त शिक्षक सहयोग करेंगे। इन शिक्षकों का शिक्षक साथी' के तौर पर जिले स्तर पर गठित समिति चयन करेगी। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा और परफॉर्मेंस के आधार पर जिला चयन समिति के अनुमोदन से नवीनीकरण किया जा सकेगा। नियुक्ति की अधिकत्तम आयु 70 वर्ष होगी राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त 1 शिक्षकों को चयन में वरीयता मिलेगी।
शिक्षक साथी को मोबिलिटी भत्ता के रूप में 2500 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। अन्य कोई भत्ता या मानदेय नहीं दिया जाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक व माध्यमिक शिक्षा दीपक
कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इसमें उन्होंने सभी डीएम को एक माह में शिक्षक साथी के चयन के निर्देश दिए हैं।
चयन योग्यता के तहत परिषदीय प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक विद्यालय में न्यूनतम पांच वर्ष का शिक्षण अनुभव जरूरी होगा। ब्लॉक व नगर क्षेत्र के लिए चयन की अधिकतम संख्या नहीं तय की गई है। शिक्षक साथी चयन के बाद जिला परियोजना कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करेंगे। उनकी उपस्थिति उनके द्वारा सपोर्टिव सुपरविजन रिपोर्ट प्रेरणा एप पर अपलोड करने से मानी जाएगी और उसी के अनुसार मोबिलिटी भत्ता मिलेगा।
ये होगी जिम्मेदारी
✍️हर माह न्यूनतम 30 विद्यालयों
(केजीबीवी में अधिकतम दो बार ) का निरीक्षण करना और इसकी रिपोर्ट बीएसए एवं प्राचार्य डायट को अगले माह की 5 तारीख तक भेजनी होगी।
✍️आगामी एक माह की कार्ययोजना व भ्रमण कार्यक्रम जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से बीएसए व डायट प्राचार्य को माह की 28 तारीख तक देनी होगी और उसी के अनुसार अगले महीने मैं क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा।
✍️दीक्षा व रोड एलांग एप के प्रयोग के लिए बच्चों व अभिभावकों को प्रेरित करना।
✍️निरीक्षण के दौरान बच्चों की प्रार्थना सभा, बैठक व्यवस्था, समय सारिणी का प्रयोग, बाल संसद, मीना मंच,
पुस्तकालय, खेलकूद जैसी गतिविधियों देखनी होंगी। साथ ही मॉडल शिक्षण का प्रदर्शन करना होगा।
✍️ विद्यालय में उपलब्ध प्रिंटरिच सामग्री, टीएलएम, मैथ्स व साईस किट्स, लाइब्रेरी बुक्स व तालिका का प्रयोग सुनिश्चित करना होगा।
✍️जेंडर समता समानता, जीवन कौशल शिक्षा, पर्यावरण संवेदना, सड़क सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, आत्मरक्षा, बाल अधिकार जैसे विषयों पर शिक्षकों को संवेदनशील बनाएंगे।
✍️ब्लॉक स्तर पर होने वाली प्रधानाध्यापकों की मासिक
बैठकों में शिक्षक साथी अनिवार्य रूप से होंगे और विद्यालय स्तरीय अकादमिक उपलब्धियों व चुनौतियों से उन्हें अवगत कराएंगे।