उत्तर प्रदेश में बच्चों के बेसिक शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास जारी है, क्योंकि ऐसा माना जाता है जब बच्चों की शुरुआती अर्थात प्राथमिक शिक्षा मजबूत होगी तो आगे चलकर वह अपना भविष्य उज्जवल बना सकते है| इसी दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार नें एक अहम् कदम उठाते हुए ‘मिशन प्रेरणा’ कार्यक्रम की शुरुआत की है| इस अति महात्वाकांक्षी योजना मिशन प्रेरणा के अंतर्गत बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव करनें का भरसक प्रयास किया जा रहा है। इस नई कार्य योजना के अंतर्गत परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन प्रेरणा तालिका पर होगा।
मिशन प्रेरणा क्या है (What Is Mission Prerna)
‘मिशन प्रेरणा’ उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, इस कार्यक्रम के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत 1.6 लाख विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढानें के लिए भरपूर प्रयास करना है| इससे बच्चों में समझ के साथ पढ़ने और बुनियादी गणित की गणना व प्रश्नों को हल करने आदि की क्षमता उत्पन्न होती है, जो उनके भविष्य में अन्य कलाओं एवं विषयों के सीखने का आधार बनती है। इसीलिए सभी छात्रों के अध्ययन के परिणामों में सुधार लाने हेतु मार्च 2022 तक कक्षा 1 से 5 में मूलभूत शिक्षा प्राप्त करने के लक्ष्य को ही सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
मिशन प्रेरणा के अंतर्गत प्रदेश के 75 जिलों के 1.1 लाख से अधिक विद्यालय, 3.5 लाख से अधिक शिक्षक और 1.2 करोड़ विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त होगा। इसका फोकस बुनियादी शिक्षा होगा। यह एकीकृत ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था होगी, जिसमें विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर के नियमित आकलन के लिए प्रेरणा तालिका बनायी जाएगी। इसके लक्ष्य स्पष्ट होंगे जिसमें शैक्षिक के साथ प्रशासनिक जवाबदेही शामिल होगी। मिशन के संचालन में जिलाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
मार्च 2022 तक का लक्ष्य निर्धारित (Target Set By March 2022)
मिशन प्रेरणा के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों को अपनी शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनानें व उसमें सुधार करनें के लिए मार्च 2022 तक का समय निर्धारित किया गया है। इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रेरक ब्लाक बनाने के लिए खंड शिक्षाधिकारियों को अपने ब्लाक का चयन कर समस्त शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों व सभी एआरपी को प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया गया है। मिशन प्रेरणा के अंतर्गत अध्यापकों से लेकर अधिकारियों तक सभी को एक लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना होगा। लक्ष्य के अनुरूप शिक्षकों को प्रगति सुनिश्चित करनी होगी।
ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था जारी (Online Education System Continues)
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलनें से रोकने के लिए लॉकडाउन जारी है, जिसके कारण सभी विद्यालय बंद चल रहे हैं। ऐसे में बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो और उन्हें शैक्षिक सपोर्ट मिलता रहे इसलिए ऑनलाइन शिक्षण कार्य करने की व्यवस्था की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग के सभी स्कूलों में शिक्षक-अभिभावक वाट्सएप ग्रुप के जरिए शैक्षिक सामग्री भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है, इसके साथ ही शिक्षकों द्वारा बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
The Government of India under National Education Policy of 1986 (as updated in 1992) and the Programme of Action 1992 reaffirm national commitment to universalization of elementary education (means education upto class eighth). Para 5.12 of NPE resolves that free and compulsory education of satisfactory quality should be provided to all children upto 14 years of age before we enter the 21st century. Keeping above in view, a World Bank assisted project called Basic Education Project had been undertaken in 1993, for expansion of quality basic education in the state. For smooth running of this project, a society "Uttar Pradesh Sabhee Ke Liye Shiksha Pariyojana Parishad (U.P. Education for all Project Board) has been established on 17 May, 1993 under Societies Registration Act of 1860. It s objectives are- The Parishad shall act as an autonomous and independent body for implementation of the Uttar Pradesh Education For All Project (Hereinafter referred to as "the Project") as outlined in the Project Document published by the Government of Uttar Pradesh and its revised version that may be prepared on the basis of review from time to time. The activities of the Parishad will be concentrated in selected districts, but may extend to the whole State of U.P. in respect of selected and sponsored projects. The Parishad has been established to function as a societal mission for bringing about a fundamental change in the basic education system, and through it in the overall socio-cultural situation. The following specific objectives of the Project would be pursued by the Parishad.
- ● Universalization of Primary Education, viewed as a composite programme of (i) access to primary education for all children up to 14 years of age; (ii) universal participation till they complete the primary stage through formal or non-formal education programmes; and (iii) universal achievement at least of the minimum levels of learning.
- ● Provision of continuing education and skill development programmes for youth.
- ● Making suggestions for greater gender equality in education and female empowerment.
- ● Making necessary intervention to provide equal educational opportunity to children belonging to the Scheduled Castes, Scheduled Tribes and the poorest sections of society.
- ● Laying special emphasis on all educational activities on culture and communication; science and environment and inculcation of a sense of social justice.
- Basic Education Project started in 1993 covered 17 districts. The project was completed in 2000. The District Primary Education Programme-II was started in 1997 in 22 districts of the state which ended in 2003. Moreover, DPEP-III was started in 32 districts of the state in 2000 and has ended on 31 March, 2006.
Janshala project was implemented in district Lucknow during 2000-2003. Sarva Shiksha Abhiyan was started in the state in 16 districts in 2001-2002 and now covers all 70 districts of the state.
Vision And Mission
Under Mission Prerna,the most significant learning outcomes have been included in the form of 'Prerna Lakshya'. The responsibility of the fulfilmemt of the 'Prerna Lakshya' rests with the blocks(in coordination with block and district administration), as they will become the first unit to self-nominate themselves to assess achievement of 'Prerna Lakshya'. Upon the nomination they will be assessed by a third party and will eventually be delcared as 'Prerak blocks' under multiple rounds of 'Prerna Ghoshna'. All Prerak blocks, district and divisions will ultimately lead to a 'Prerak
Register for Prerna Sathi || मिशन प्रेरणा साथी हेतु कैसे रजिस्टर करें पूरी प्रक्रिया जाने-
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कोविड के इस दौर में जहाँ पिछले दो माह से स्कूल बंद चल रहे हैं वहीं बच्चों के पठन-पाठन में कोई बाधा न आने पाये इसी के दृष्टिकोण से मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला के माध्यम से अभिभावकों को शैक्षिक सामग्री पहुंचाने में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, वे अपने घरों से हर सप्ताह व्हाट्सप्प ग्रुप पर भेजी गयी ई-पाठशाला सामग्री अभिभावकों को साझा करेंगें।
इसके साथ वे अपनी कक्षा के सभी अभिभावकों के साथ हर सप्ताह संपर्क करेंगें एवं 'प्रेरणा साथी' की पहचान कर उन्हें bit.ly/PrernaSaathi पर रजिस्टर करेंगें
“प्रेरणा साथी” वे हैं जिनके पास स्मार्टफोन हैं और ई-पाठशाला में बच्चों की मदद कर सकते हैं ।