इन दिनो पूरा देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं ।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने जो एडवाइज़री जारी की है । आम जान मानस में से अधिकतर लोग इसे गम्भीरता से नही ले रहें हैं अब तक देश में कुल 502 कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हो चुकी है । जिसमें उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या 50 पहचने वाली है । इसके बावजूद लोग इस महामारी को बहुत हल्के में ले रहे हैं । ऊल जलूल तर्क देकर अपनी गलती पर पर्दा डाल रहे हैं । बोलो गुरुजी के इस आलेख में प्रस्तुत है चंद्रसेन सिंह जी का यह आलेख " डरना ज़रूरी है- जब तक गोला बगल में न दग जाये उसके बाद ही चेतने की प्रवत्ति से बाहर निकलना होगा.....
श्री चंद्रसेन सिंह बेसिक शिक्षा परिषद फ़तेह्पुर में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं । आलेख कोरोना वायरस जागरूकता पर आधारित है । जिसमें कोरोना वायरस के बचाव व रोकथाम हेतु जारी चिकित्सीय सलाह व सरकारी एडवाइज़री का पालन ना करने पर कितने गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे इस पर बल दिया गया है ।
2. जनता कर्फ्यू बेहद प्रभावी रहा परन्तु बाद में भावुकता में बहे कुछ लोग जिन्होंने भले ही दिनभर देश का साथ दिया था शाम को बेपरवाही में जो कृत्य किया समाजद्रोह की श्रेणी में आयेगा ।
3. नमाजगाहें भी बंद होनी चाहिए,जो लोग भीड बुलायें उनसे चीनी पद्धति से निपटना चाहिए ।
4. जनता कर्फ्यू के बाद दूसरे दिन जिस तरह की अपरिपक्वता का परिचय दिया गया है,,,, सम्भावनाएं प्रबल हैं कि पूरे देश में आपकी ही जीवन रक्षा हेतु कर्फ्यू लग सकता है ।
5. और बिगडे माहौल में आपातकाल में सरकार मजबूर होकर अनुच्छेद 20/21 के अलावा सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित कर सकती है,,,,, इसलिए किसी अफवाह या वैमनष्यता बढाने के संदेश का माध्यम मत बनिए अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग पूरी संवेदनशीलता से करिये ।
6. स्थिति बिगडने का इंतजार न कीजिये,,,,20 अप्रैल तक अनुशासन में न रहने के दो परिणाम होंगे।
१. मरीजों की संख्या और संक्रमित होने की संभावना के प्रतिशत में गुणात्मक(×) बृद्धि होगी ।
२.यह समय 15 मई या और आगे बढेगा,जिसको फेस करना ज्यादा कठिन होगा ।
7. घर में रहेंगे तो तो रोगियों की संख्या कम रहेगी,और डाक्टर मरीजों को ठीक भी कर पायेंगे । दोनों ही स्थितियों में ही डाक्टरों के साथ आपका आत्मविश्वास भी बढेगा और एक विजेता का फील भी आयेगा ।
8. घरों को पुलिस बाहर से सील करे उससे पहले बेहतर होगा । अंदर से ताला लगाने की मुहिम चलनी चाहिए ।
आवश्यक सामान बाहर से लाने हेतु घर/परिवार के किसी जागरूक व्यक्ति को ही आगे लाना होगा ।
9. घर निकलने वाला व्यक्ति और उसे मिलने वाला दोनों एक दूसरे को संक्रमित मानकर ही मिलें ।
10. आगे नवरात्रि के व्रत विधान के वास्तविक उद्देश्य को समझते हुए खुद और दूसरों को तैयार रहना होगा । (डायबिटिक लोगों के अलावा)
11. आपके शिक्षित होने का लाभ आपके पडोसियों और मित्रों को बांटने का वक्त है ।
12. अपरिहार्य दशा में बाहर निकलने पर किसी कोरोना योद्धा की सख्ती का बुरा नहीं मानना,
वह आपके लिए कोरोना से सामने से लड रहा है अपनी जान और अपने परिवार की फिकर छोडकर....
13. बाहर से लौटे व्यक्ति की सूचना अवश्य साझा करें ।
15. अपने परिवार के प्रति प्यार दर्शाने की इससे आसान परीक्षा नहीं हो सकेगी ।
16.स्वतंत्रता सेनानी बनने का ख्वाब रखने वालों यह स्थिति किसी युद्ध से कम नहीं । युद्ध की खास बात यह है कि राष्ट्रभक्ति के लिए जान देकर नहीं बल्कि अपने साथ परिवार की जान बचाकर जीत का भागीदार बनना है|
संकट की घडी में आपके परिवार सहित स्वस्थ रहने की शुभकामनाओं के साथ
लेखक : चंद्रसेन सिंह प्रधान अध्यापक
श्री चंद्रसेन सिंह बेसिक शिक्षा परिषद फ़तेह्पुर में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं । आलेख कोरोना वायरस जागरूकता पर आधारित है । जिसमें कोरोना वायरस के बचाव व रोकथाम हेतु जारी चिकित्सीय सलाह व सरकारी एडवाइज़री का पालन ना करने पर कितने गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे इस पर बल दिया गया है ।
जब तक गोला बगल में न दग जाये उसके बाद ही चेतने की प्रवत्ति से बाहर निकलना होगा और कोई जरिया भी नहीं है,,,, अनुशासन से ही आप खुद को और परिवार को बचा सकते हैं |1. दूसरे देशों से आ रही तश्वीरों को देखकर खौफ खाने की आवश्यकता है
अब डरना बहुत जरूरी है- चंद्र सेन सिंह (प्रधानाध्यापक)
2. जनता कर्फ्यू बेहद प्रभावी रहा परन्तु बाद में भावुकता में बहे कुछ लोग जिन्होंने भले ही दिनभर देश का साथ दिया था शाम को बेपरवाही में जो कृत्य किया समाजद्रोह की श्रेणी में आयेगा ।
3. नमाजगाहें भी बंद होनी चाहिए,जो लोग भीड बुलायें उनसे चीनी पद्धति से निपटना चाहिए ।
4. जनता कर्फ्यू के बाद दूसरे दिन जिस तरह की अपरिपक्वता का परिचय दिया गया है,,,, सम्भावनाएं प्रबल हैं कि पूरे देश में आपकी ही जीवन रक्षा हेतु कर्फ्यू लग सकता है ।
5. और बिगडे माहौल में आपातकाल में सरकार मजबूर होकर अनुच्छेद 20/21 के अलावा सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित कर सकती है,,,,, इसलिए किसी अफवाह या वैमनष्यता बढाने के संदेश का माध्यम मत बनिए अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग पूरी संवेदनशीलता से करिये ।
6. स्थिति बिगडने का इंतजार न कीजिये,,,,20 अप्रैल तक अनुशासन में न रहने के दो परिणाम होंगे।
१. मरीजों की संख्या और संक्रमित होने की संभावना के प्रतिशत में गुणात्मक(×) बृद्धि होगी ।
२.यह समय 15 मई या और आगे बढेगा,जिसको फेस करना ज्यादा कठिन होगा ।
7. घर में रहेंगे तो तो रोगियों की संख्या कम रहेगी,और डाक्टर मरीजों को ठीक भी कर पायेंगे । दोनों ही स्थितियों में ही डाक्टरों के साथ आपका आत्मविश्वास भी बढेगा और एक विजेता का फील भी आयेगा ।
8. घरों को पुलिस बाहर से सील करे उससे पहले बेहतर होगा । अंदर से ताला लगाने की मुहिम चलनी चाहिए ।
आवश्यक सामान बाहर से लाने हेतु घर/परिवार के किसी जागरूक व्यक्ति को ही आगे लाना होगा ।
9. घर निकलने वाला व्यक्ति और उसे मिलने वाला दोनों एक दूसरे को संक्रमित मानकर ही मिलें ।
10. आगे नवरात्रि के व्रत विधान के वास्तविक उद्देश्य को समझते हुए खुद और दूसरों को तैयार रहना होगा । (डायबिटिक लोगों के अलावा)
11. आपके शिक्षित होने का लाभ आपके पडोसियों और मित्रों को बांटने का वक्त है ।
12. अपरिहार्य दशा में बाहर निकलने पर किसी कोरोना योद्धा की सख्ती का बुरा नहीं मानना,
वह आपके लिए कोरोना से सामने से लड रहा है अपनी जान और अपने परिवार की फिकर छोडकर....
13. बाहर से लौटे व्यक्ति की सूचना अवश्य साझा करें ।
15. अपने परिवार के प्रति प्यार दर्शाने की इससे आसान परीक्षा नहीं हो सकेगी ।
16.स्वतंत्रता सेनानी बनने का ख्वाब रखने वालों यह स्थिति किसी युद्ध से कम नहीं । युद्ध की खास बात यह है कि राष्ट्रभक्ति के लिए जान देकर नहीं बल्कि अपने साथ परिवार की जान बचाकर जीत का भागीदार बनना है|
संकट की घडी में आपके परिवार सहित स्वस्थ रहने की शुभकामनाओं के साथ
लेखक : चंद्रसेन सिंह प्रधान अध्यापक