विमल इन्दु की विशाल किरणें | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 1

विमल इन्दु की विशाल किरणें | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 1

विमल इन्दु की विशाल किरणें शब्दार्थ

अनादि = जिसका आरम्भ न हो
अनन्त = जिसका अन्त न हो
मनोरथ = इच्छा
मन की कामना
दयानिधि = दया का सागर, ईश्वर
चन्द्रिका = चाँदनी
स्मित = मन्दहास, मुसकान
प्रसार = फैलाव
निनाद = गुंजार
तरंगमालाएँ = लहरों के समूह

विमल इन्दु की विशाल किरणें | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 1


विमल इन्दु …………….. दिखा रही हैं।।

संदर्भ- यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘विमल इन्दु की विशाल किरणें’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता ‘जयशंकर प्रसाद’ हैं।

प्रसंग- इस कविता में कवि ने ईश्वर की महिमा का वर्णन किया है।

भावार्थ- कवि प्रसाद जी ईश्वर की महिमा का बखान करते हुए कहते हैं कि स्वच्छ चन्द्रमा की उन्नत किरणें अर्थात् चाँदनी ईश्वर के प्रकाश को लक्षित कर रही है। ईश्वर की माया अनादि और अनन्त है। यह हमेशा रहनेवाली है और सारे संसार को ईश्वर का चमत्कार दिखा रही है।

प्रसार तेरी ..…………………………………………………….. गा रही हैं।।

भावार्थ- ईश्वर की दया का फैलाव (विस्तार) कितना अधिक है, यह अधिक फैले हुए समुद्र को देखने से पता लगता है। वास्तव में, भगवान दया के सिन्धु हैं। सागर की लहरों के गान में ईश्वर की प्रशंसा के राग गाया जाना उद्देश्य है।

तुम्हारा स्मित ………….………………………………………. जा रही हैं।।

भावार्थ- कवि कहता है कि जिसे ईश्वर का मन्दहास निहारना हो, वह चन्द्रमा की चाँदनी देखे। ईश्वर के हँसने की ध्वनि, नदियों की लगातार कल-कल करने की ध्वनियों में सुनाई पड़ रही हैं।

जो तेरी ……………………………………………….. दिला रही हैं।।

भावार्थ-हे, दया के समुद्र ईश्वर! जिस पर तेरी कृपा हो जाती है, उसकी सब इच्छाओं की पूर्ति हो जाती है। प्रकृति के भिन्न-भिन्न रूप चन्द्रमा, समुद्र की लहरों के समूह आदि सभी ईश्वर की महिमा उच्च स्वरों में वर्णित करके आशा का संचार कर रहे हैं।

विमल इन्दु की विशाल किरणों अभ्यास प्रश्न | Vimal Vindu ki Vishal Kirne Question Answer

भाव बोध

उत्तर दो

प्रश्न 1.
ईश्वर की महिमा प्रकृति के किन-किन रूपों में दिखाई दे रही है? दिए गए उत्तरों को सही क्रम में लिखो- (सही क्रम में लिखकर)
(क) ईश्वर का प्रकाश – विमल इन्दु की विशाल किरणों के रूप में
(ख) उसकी दया का प्रसार – सागर के रूप में
(ग) उसकी प्रशंसा के राग  – सागर की लहरों के गान में
(घ) ईश्वर का मन्द हास – चाँदनी के रूप में
(ङ) ईश्वर के हँसने की धुन – नदियों के निनाद में

प्रश्न 2.
परमात्मा को ‘दयानिधि’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
परमात्मा संसार में सबसे अधिक दयावान हैं; इसी कारण उन्हें ‘दयानिधि’ कहा गया है।

प्रश्न 3.
स्तम्भ ‘क’ के शब्दों के समानार्थी शब्द स्तम्भ ‘ख’ में दिए गए हैं, सही शब्दों को तीरों से मिलाओ। (तीरों से सही मिलान करके)
UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 1 विमल इन्दु की विशाल किरणों 1

प्रश्न 4.
पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो-
नोट-छात्र पहले भाव हेतु प्रथम भावार्थ में दिए मोटे अक्षर पढ़ें और दूसरे भाव हेतु द्वितीय भावार्थ में दिए मोटे अक्षर पढ़ें।

प्रश्न 5.
कविता की रिक्त पंक्तियों की पूर्ति करो- (पूर्ति करके)
उत्तर:
विमल इंदु की विशाल किरणें, प्रकाश तेरा बता रही हैं।
प्रसार तेरी दया का कितना ये देखना हो तो देखे सागर।

अब करने की बारी

नोट-छात्र अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।