पत्र कक्षा 5 हिंदी कलरव | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 15 - Primary ka Master Guide

पत्र कक्षा 5 हिंदी कलरव | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 15

पत्र कक्षा 5 हिंदी कलरव का शब्दार्थ

कार्य क्षेत्र = कर्म करने की जगह
नियाग्रा = एक जल प्रपात जो संयुक्त राज्य अमेरिका में है
भोग-भूमि = सुख-दुख भोगने की धरती
शोक-संवाद = मृत्यु का समाचार
व्याख्यान – भाषण
विदित = मालूम
बेशुमार = अनगिनत
वस्त्रादि = कपड़े आदि,
अनिश्चित = जिसका निश्चय न हो
विज्ञानवेत्ता = विज्ञान के जानकार
महोत्सव = बहुत महत्त्वपूर्ण त्योहार, महान उत्सव।

पत्र अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
नीचे लिखे शब्दों के प्रचलित जोड़े बनाओ- (जोड़े बनाकर)
तन – मन
स्त्री – पुरुष
धूम – धाम
रात – दिन

प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों की वर्तनी शुद्ध करके लिखो। (लिखकर )
महाप्ररुष – महापुरुष
मख्खन – मक्खन
अतीथी – अतिथि
आइसकृम – आइसक्रीम

प्रश्न ३.
पढ़ो और समझो
महा + उत्सव = महोत्सव
विवाह + उत्सव = विवाहोत्सव
वार्षिक + उत्सव = वार्षिकोत्सव
होलिका + उत्सव = होलिकोत्सव
ज्ञान + उदय = ज्ञानोदय

तुम भी करो

जन्म + उत्सव = जन्मोत्सव
तिलक + उत्सव = तिलकोत्सव
भाग्य + उदय = भाग्योदय
सूर्य + उदय = सूर्योदय
बसंत + उत्सव = वसन्तोत्सव

प्रश्न ४.

पढ़ो और समझो

नोट – छात्र दिए गए शब्दों को स्वयं पढ़ें व समझें।

बोध प्रश्न  

प्रश्न १.
बताओ
(क) विवेकानन्द जी ने महापुरुषों के विषय में अपने पत्र में क्या लिखा है?
उत्तर:
विवेकानन्द जी ने कहा, “महापुरुष शिक्षा देने के लिए आते हैं, नाम के लिए नहीं।”

(ख) विवेकानन्द जी ने तारक दादा को क्या संदेश दिया?
उत्तर:
विवेकानन्द जी ने तारक दादा को संदेश दिया, “तारक दादा, तुम अगर मद्रास में जाकर रहो, तो बड़ा काम हो। आओ! तन-मन से काम में लग जाओ। गप्पें लड़ाने तथा घंटी बजाने का जमाना गया, मेरे बच्चे, समझे? अब काम करना होगा।”

(ग) अमेरिका प्रवास के समय विवेकानन्द जी को होटलों में क्यों नहीं रुकना पड़ता था?
उत्तर:
विवेकानन्द जी को होटलों में नहीं रुकना पड़ता था; क्योंकि लोग उन्हें अपना अतिथि बना लेते थे।

(घ) हेल महोदय की दयालुता के विषय में पत्र में क्या बातें लिखी गई हैं?
उत्तर:
हेल महोदय का परिवार बहुत दयालु था। वह गरीब आदमी को भोजन, वस्त्र और कार्य देने के लिए हर समय तैयार रहता था।

(ङ) अमेरिका में क्या-क्या पैदा होता है और क्या-क्या नहीं?
उत्तर:
अमेरिका में गेहूँ और रुई पैदा होती है; आम और लीची पैदा नहीं होती है; वहाँ औजार और कल-पुर्जे बनते हैं।

(च) अमेरिका के मौसम के बारे में विवेकानन्द जी ने पत्र में क्या लिखा है?
उत्तर:
अमेरिका में सुहावना मौसम होता है। यह जल्दी-जल्दी बदलता रहता है।

प्रश्न २.
लिखो
(क) अमेरिकावासियों के खान-पान के संबंध में चार बातें लिखिए।
उत्तर:
अमेरिका में खाने में भात, पावरोटी, मछली और गोश्त की विभिन्न किस्में मिलती हैं। अमेरिकावाले ‘स्पिनाक’ और ‘एस्पेरेगस’ नामक साग का प्रयोग करते हैं। वहाँ लोग उड़द की दाल नहीं जानते। अमेरिका में केले, संतरे, अमरूद, सेब, बादाम, किशमिश, अंगूर आदि खूब मिलते हैं। वहाँ आम, लीची नहीं हैं।

(ख) विवेकानन्द जी पत्र के अंतिम हिस्से में क्या करने का संदेश दे रहे हैं?
उत्तर:
विवेकानन्द जी पत्र के अंतिम हिस्से में संदेश देते हैं, “उठो, जागो और जब तक लक्ष्य तक न पहुँच जाओ, न रुको। जो अपना ही स्वार्थ देखता है, आरामतलब है, आलसी है, उसके लिए नरक में भी जगह नहीं है। जिन्हें अपने आराम की सूझ रही है, जो आलसी हैं, जो अपने सामने सबका सिर झुका देखना चाहते हैं, वे हमारे कोई नहीं हैं।”

(ग) उन फलों के नाम जो अमेरिका में पैदा होते हैं और जो नहीं पैदा होते हैं।
उत्तर:
केले, अमरूद, संतरे आदि होते हैं; लेकिन आम और लीची ये दोनों पैदा नहीं होते।

(घ) तुमने किन-किन के पत्र पढ़े हैं? उनके नाम और संबंध लिखो।
उत्तर:
हमने नेहरू जी का पत्र इंदिरा के नाम पढ़ा है- पिता का पत्र पुत्री के नाम।

प्रश्न ३.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो
(क) यह कार्य क्षेत्र है, भोग-भूमि नहीं।
भाव:
संसार कार्य करने के लिए है, भोग करने के लिए नहीं।

(ख) तन-मन से काम में लग जाओ।
भाव:
शारीरिक और मानसिक रूपों में तैयार होकर ही कार्य करना चाहिए।

(ग) उठो, जागो और जब तक लक्ष्य तक न पहुँच जाओ, न रुको।
भाव:
आलस्य छोड़कर अपना काम करते रहो। जब तक कार्य पूरा न हो जाए, तब तक रुकना नहीं चहिए।

प्रश्न ४.
निम्नलिखित पंक्तियों को पूरा करो-(पूरा करके)
(क) यहाँ वाले गरम कपड़े यूरोप और भारत से मँगाते हैं।
(ख) ये लोग गर्मियों में घर छोड़कर विदेश अथवा समुद्र के किनारे चले जाते हैं।
(ग) नियाग्रा-प्रपात सात-आठ दफे तो देख चुका।
(घ) जो अपनी जिद्द के सामने सबका सिर झुका देखना चाहते हैं, वे हमारे कोई नहीं है।

तुम्हारी कलम से

नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

अब करने की बारी

नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।