एपिसोड : 09
◆दिनांक :26/10/2016
◆प्रसारण समय : 11:15am से 11:30am
◆आकाशवाणी केंद्र : लखनऊ 
◆आज की कहानी का शीर्षक : “साथी हाथ बढ़ाना"

मीना अपनी क्लास में है |
बहिन जी- बच्चों, जैसा कि तुम सब जानते हो...हर साल की तरह इस साल भी हमारे स्कूल में ‘खेल दिवस’ मनाया जायेगा  ।
(नोट:- आकाशवाणी  से प्रसारण बाधित होने के कारण विस्तृत विवरण नहीं दिया जा रहा है। शीघ्र ही उपलब्ध कराया जाएगा ।)
सधन्यवाद।

आज का गाना :

     धूम चिक-चिक धूम धूम चिक-चिक धूम-२
        जिसमे शौक तुम्हारा,तुम चुन लो वो राहें
          मिलेगी तुमको मंजिल,थाम लो स्कूल की बाहें|
           तुम सभी को मौका देता पढ़ने-लिखने का
           पढ़-लिख कर जीवन में जो चाहो वो बनने का|
               स्कूल सभी को मौका देता पढ़ने-लिखने का
          पढ़-लिख कर जीवन में जो चाहो वो बनने का|
     इसीलिए......तो खूब पढो,खूब लिखो
                               जीवन में तुम आगे बढ़ो
                              दुनिया को कुछ बन के दिखाओ
थाम लो इस रस्ते को |
खूब पढो,खूब लिखो
जीवन में तुम आगे बड़ो-२
              चला गया जो बचपन वापस नही है आता
                 इसे गवाने वाला तो बाद मैं है पछताता|
खेल-कूद मस्ती है बचपन, और है पढ़ना लिखना
बचपन में मजदूरी करना ना रे बाबा ना-ना|
                          खेल कूद मस्ती भरा.............................
    पढ़-लिख कर जीवन में जो चाहो वो बनने का|-२

आज का खेल- ‘कड़ियाँ जोड़ पहेली तोड़’
  ‘स’ से मेरा नाम शुरु है
‘र’ पे ख़त्म हो जाता
कहाँ से आऊं कहाँ मैं जाऊ
कोई जाँ न पाता

उठती गिरती चाल मेरी
गहरी मेरी कहानी
प्यास किसी की बुझा न पाऊं
वैसे तो हूँ पानी

मेरा चेहरा देख के अक्सर
सबका चेहरा खिलता
शंख,सीप,मोती मुझसे
और नामक भी मुझसे मिलता

उत्तर- ‘समुद्र’

आज की कहानी का सन्देश-
पढ़ने लिखने की उम्र में ,नहीं करो मजदूरी
गाँठ बाँध लो इसको आज ,पढ़ना बहुत जरूरी