मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण कार्यक्रम :

◆एपिसोड : 34
◆दिनांक :02/12/2016
◆प्रसारण समय : 11:15am से 11:30am
◆आकाशवाणी केंद्र : लखनऊ
◆आज की कहानी का शीर्षक- ‘कौन बनेगा स्टार’

सुमित! सुमित! सुमित! पूरे गाँव में बस एक
ही नाम की चर्चा थी। कबीरपुर गाँव, मेले जैसा सज रहा था, रंगों से सराबोर। खाने की रेढ़िओं से भरा...ठसमठस। आखिर क्यों नहीं ? शहर के नामी डायरेक्टर (फ़िल्म निर्देशक) साहब ने इस गाँव को जो चुना था ,अपनी नई फ़िल्म की शूटिंग के लिए।

और तो और इस फ़िल्म का अभिनेता और कोई नहीं बल्कि युवा देश की धड़कन , सबका चहेता रंगीन कपूर था। उसके आगमन पर तो समूचा कबीरपुर शूटिंग के स्थान पर उमड़ पड़ा था। बच्चे, बूढ़े , औरतें और आदमी.....सभी
खुशी के सैलाब में गोता लगा रहे थे।

.........पर इससे सुमित के नाम की चर्चा का क्या वास्ता ? ओहो! सुमित ही तो है वो जिसे रंगीन कपूर के साथ शूटिंग करने का मौका मिल रहा है। जब मीना को यह पता चला तो वह उछल पड़ी और सुमित के घर दौड़ी।

इधर सुमित अपने घर में इधर से उधर घूम रहा है।
डायलॉग रटने में मशगूल उसने मीना को आते हुए
देखा भी नहीं। मीना ने उसे कोहनी की , “क्यों
जी? तुम अब मुझे देखोगे भी
नहीं ? ”
“अरे मीना! अच्छा हुआ तुम आ गई, ” सुमित ने
घबराए स्वर में कहा।
“अरे! क्या हुआ ? तुम तो रोमांचित लग ही
नहीं रहे!” मीना ने पूछा।

“मैं, लाइट, कैमरा , रंगीन कपूर.... और पूरे गाँव के
सामने ...” अचानक दर्द से सुमित कराह उठा , “उई माँ! वैसे
ही लाइनें याद नहीं हो रही
थी और अब यह पेट दर्द|”
“पेट दर्द! मैं बहनजी को बुला के लाती
हूँ|” मीना दौड़ी और पीछे-
पीछे मिट्ठू ने भी तान छेड़ी,
“बहनजी को बुलाकर लाती हूँ , इलाज
कराती हूँ!”
बहनजी ने आते ही सवालों
की झड़ी लगाई, “क्या खाया ? कोई कटा-
फटा फल , बाज़ार की बिना ढकी
चीज़ तो नहीं ? हाथ सफाई से धोये? ”
जब सुमित गर्दन हिलाता रहा तो वह बोलीं ,
“अच्छा जाओ, हाथ धो के आओ और दवाई खाओ|”
सुमित सरपट गई और झटपट ही आ गई।
“अरे! यह क्या? हाथ धुल भी गए| हम्मम ...
अब मैं समझी! सुमित , तुम्हारे धुले हुए हाथों में
अभी भी कीटाणु होंगे , ”
बहनजी ने कहा।
“पर क्यों बहनजी ? ” मीना और
मिली ने एक साथ पूछा।
“क्योंकि तुमने हाथ धोने के पाँच नियम नहीं
अपनाए................
◆ पहले दोनों हाथ पर पानी डालो ,
◆ फिर तब तक साबुन लगाओ जब तक झाग न बने।
◆तीसरा कदम हथेलियाँ आपस में रगड़ो
◆और नाखूनसाफ करो।
◆चौथा कदम-हाथ बीस सैकेण्ड तक रगड़ो।
◆पाँचवा और अन्तिम कदम , हाथ साफ पानी से धो
लो|”

बहनजी ने दोनों को समझाया।
और बस फिर अगले दिन ...जब वह सेट पर पहुँचा तो
इत्तफ़ाकन सीन खाने की मेज़ पर ही फ़िल्माया जाना था। बस फिर क्या ? सुमित दौडा

और जाकर हाथ धोने लगा। जब डायरेक्टर साहब ने उससे
पूछा तो उसने उन्हें भी बहनजी की बात दोहरा दी।
और फिर ...सुमित और रंगीन कपूर खाने
की मेज़ के सेट पर....
“जो पूरे पाँच कदम से हाथ धोता है, वो कभी
बीमार नहीं होता है|”

“कट” डायरेक्टर साहब बोले और सारा गाँव तालियों
की गड़गड़ाहट से गूँज उठा|

आज का गीत :
हाथ भिगो के लगा के साबुन,खूब बना ले झाग|
रगड़-रगड़ धोले इनको तभी ये होंगे साफ
-२
रखना साफ अपने हाथ, सीधी
सी है बात|
(सीधी
बात..)
हाथ से करते मेहनत(..मेहनत),हाथों में है ताकत
(..ताकत)
हाथ मिलाके दोस्त हैं बनते, हाथों में है किस्मत
अरे! हाथों में है किस्मत| (....किस्मत)
रखना साफ अपने हाथ, सीधी
सी है बात|
(सीधी बात)
हाथ पकडके चलते, हाथ मिलाके गाते|
हाथों से कॉपी में लिखते, हाथ से खाना
खाते|
अरे! हाथ से खाना खाते| (...खाते)
रखना साफ अपने हाथ, सीधी
सी है बात|
रगड़-रगड़ धोले इनको तभी ये होंगे साफ
-२
आज का खेल : ‘नाम अनेक अक्षर एक’
अक्षर-‘द’
★ व्यक्ति-
दिलीप कुमार
(एक मशहूर अभिनेता)
★ जानवर- दरियाई घोडा
(अफ्रीका में
पाया जाता)
★ वस्तु- दीवार
(दुनिया की
सबसे लम्बी
दीवार
चीन
में है|)
★ जगह- देहरादून (उत्तराखण्ड राज्य
की राजधानी)

आज की कहानी का सन्देश -“जो पूरे पाँच कदम से हाथ धोता है , वो कभी बीमार नहीं होता है|