प्रयागराज। एएसपी अशोक वेंकटेश ने पूछताछ के बाद बताया कि डॉ. कृष्ण लाल पटेल साल्वर का काम करता था। उसका साथी अधिवक्ता ललित त्रिपाठी कॉलेज से सेटिंग करके पेपर आउट कराता था। पेपर मिलने के बाद डॉक्टर पटेल उसे साल्व करता था। इसके बाद गैंग से जुड़े अन्य सदस्य कालेज व अन्य माध्यमों से अभ्यर्थियों
तक आंसर की पहुंचाते थे। अभी तक पुलिस को जो डायरी मिली है, उसमें लगभग 20 अभ्यर्थियों के नाम और नंबर हैं। पुलिस एक-एक अभ्यर्थी के बारे में सत्यापन करने में लगी है। पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि जिन लोगों का नाम डायरी में है, उनका किन-किन कॉलेजों में सेंटर था और कैसे यह फर्जीवाड़ा किया गया।