69000 Shikshak bharti से जुड़े Caste-wise selection data झूठे - बेसिक शिक्षा परिषद
सोशल मीडिया पर कई दिनों से 69000 शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा को लेकर जातिवार आंकड़े प्रसारित किए जा स्हे हैं। सवर्णों में अलग-अलग वर्ग में सफल होने वाले अभ्यर्थियों का आंकड़ा प्रसारित करके भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाया जा रहा है। मामला तूल पकड़ता देख बेसिक शिक्षा परिषद ने रविवार कोपक्ष रखा। परिषद के उप सचिव अनिल कुमार ने पत्र जारी करके बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण प्रक्रिया को ईमानदारी से पालन किया गया है।
सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहे जातिवार आंकड़ों में कोई सच्चाई नहीं
है। ऐसी भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों पर कार्रवाई के लिए साइबर
सेल लखनऊ को पत्र लिखा गया है।
परिषद के उप सचिव ने बताया कि काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के समस्त शैक्षिक दस्तावेज, जाति व निवास प्रमाण पत्र आदि का परीक्षण जिला स्तर पर गठित समिति करती है। काउंसिलिंग में यदि किसी अभ्यर्थी के अभिलेखों में भिन्नता पाई जाती है तो जिला चयन समिति उसका अभ्यर्थन निरस्त कर देती है। अभ्यर्थी का चयन आवेदन पत्र में विवरण के आधार पर एनआइसी के साफ्टवेयर से किया जाता है। उन्होंने कह्म कि सोशल मीडिया पर जातिवार व गलत प्रमाण के आधार चयनित होने आदि के संबंद्ध में प्रसारित हो रहे आंकड़ों में कोई सच्चाई नहीं है।
सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहे जातिवार आंकड़ों में कोई सच्चाई नहीं
है। ऐसी भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों पर कार्रवाई के लिए साइबर
सेल लखनऊ को पत्र लिखा गया है।
परिषद के उप सचिव ने बताया कि काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के समस्त शैक्षिक दस्तावेज, जाति व निवास प्रमाण पत्र आदि का परीक्षण जिला स्तर पर गठित समिति करती है। काउंसिलिंग में यदि किसी अभ्यर्थी के अभिलेखों में भिन्नता पाई जाती है तो जिला चयन समिति उसका अभ्यर्थन निरस्त कर देती है। अभ्यर्थी का चयन आवेदन पत्र में विवरण के आधार पर एनआइसी के साफ्टवेयर से किया जाता है। उन्होंने कह्म कि सोशल मीडिया पर जातिवार व गलत प्रमाण के आधार चयनित होने आदि के संबंद्ध में प्रसारित हो रहे आंकड़ों में कोई सच्चाई नहीं है।