बीएड कालेज की मान्यता साल भर पहले गयी, करा रहा बीएड, दे रहा फर्जी डिग्री - primary ka master fake bed degree
लखनऊ : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों से अनामिका शुक्ला के नाम से 25 शिक्षिकाओं की भर्ती का राजफाश होने के बाद नित नए नए मामले सामने आ रहे हैं। कासगंज में जांच के दौरान पता चला है कि जिस महाविद्यालय को वर्ष 2006 में बीएड की मान्यता मिली,उससे चार लोगों ने 2005 में ही डिग्री हासिल कर ली। वह फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक भी बन गए। बीएसए ने चारों को नोटिस जारी किया है।
कासगंज के अमांपुर के प्राथमिक विद्यालय तैयबपुर में देवकी रानी, शेरपुर में राजेश कुमारी,सोरों ब्लॉक के पहाड़पुर स्कूल में देवेंद्र कुमार वर्ष 2014 से नौकरी कर रहे हैं। इसके अलावा वर्ष 2018 से फरौली कस्तूरबा गांधी स्कूल में शिक्षिका रजनी तैनात हैं। यह सभी वर्ष 2004-05 के बीएड डिग्री धारक हैं। सभी ने एटा के उम्मेदपुर महाविद्यालय से बीएड उत्तीर्ण होने की डिग्री लगाई है। साथ ही इनमें किसी के नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री धारकों की एसआइटी की सूची में भी शामिल नहीं है। खास बात यह है कि वर्ष 2005 को जिस उम्मेदपुर महाविद्यालय से डिग्री लेना दिखाया गया है, उस महाविद्यालय को वर्ष 2006 में बीएड को मान्यता मिली है।
उधर, गोंडा में बेसिक शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति प्रकरण में शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही गुरुवार से इनके आधार नामांकन की कवायद शुरू कर दी गई है। वेबसाइट पर शिक्षकों व कर्मचारियों के आधार नंबर फीड कराए जा रहे हैं। हालांकि, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से शिक्षकों के मूल आवेदनपत्र आने के सत्यापन का कार्य अधर में लटका हुआ है।
इसके अलावा, अलीगढ़ के बिजौली के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जीवाड़े से नौकरी पाने वाली कानपुर की बबली यादव का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गया। पुलिस शुक्रवार को 12 घंटे के लिए बबली को रिमांड पर लेगी। पूछताछ होगी कि बबली ने कहां से और कैसे फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे? काउंसिलिंग कैसे हुई? सरगना पुष्पेंद्र की महिला मित्र राजबेटी को लेकर भी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं।
कासगंज के अमांपुर के प्राथमिक विद्यालय तैयबपुर में देवकी रानी, शेरपुर में राजेश कुमारी,सोरों ब्लॉक के पहाड़पुर स्कूल में देवेंद्र कुमार वर्ष 2014 से नौकरी कर रहे हैं। इसके अलावा वर्ष 2018 से फरौली कस्तूरबा गांधी स्कूल में शिक्षिका रजनी तैनात हैं। यह सभी वर्ष 2004-05 के बीएड डिग्री धारक हैं। सभी ने एटा के उम्मेदपुर महाविद्यालय से बीएड उत्तीर्ण होने की डिग्री लगाई है। साथ ही इनमें किसी के नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री धारकों की एसआइटी की सूची में भी शामिल नहीं है। खास बात यह है कि वर्ष 2005 को जिस उम्मेदपुर महाविद्यालय से डिग्री लेना दिखाया गया है, उस महाविद्यालय को वर्ष 2006 में बीएड को मान्यता मिली है।
उधर, गोंडा में बेसिक शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में फर्जी नियुक्ति प्रकरण में शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही गुरुवार से इनके आधार नामांकन की कवायद शुरू कर दी गई है। वेबसाइट पर शिक्षकों व कर्मचारियों के आधार नंबर फीड कराए जा रहे हैं। हालांकि, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से शिक्षकों के मूल आवेदनपत्र आने के सत्यापन का कार्य अधर में लटका हुआ है।
इसके अलावा, अलीगढ़ के बिजौली के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जीवाड़े से नौकरी पाने वाली कानपुर की बबली यादव का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गया। पुलिस शुक्रवार को 12 घंटे के लिए बबली को रिमांड पर लेगी। पूछताछ होगी कि बबली ने कहां से और कैसे फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे? काउंसिलिंग कैसे हुई? सरगना पुष्पेंद्र की महिला मित्र राजबेटी को लेकर भी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं।