टीचर सेल्फ केयर टीम क्या है ! Basic Teacher Self care team - हर माह 50 रुपये में 50 लाख की आर्थिक सहायता

इस पहल का मकसद यह है कि यदि 'किसी शिक्षक की असमय मृत्यु होती है तो उसके बेसहारा परिवार की आर्थिक मदद दी जा सके। यह पहल करने वाले प्राथमिक विद्यालय जोरावट शंकरगढ़ के शिक्षक विवेकानंद का कहना है कि बेसिक शिक्षा परिषद के .59 लाख स्कूलों में कार्यरत तकरीबन पांच लाख शिक्षकों में से एक लाख भी उनके साथ जुड़ते हैं और प्रत्येक शिक्षक 50-50 रुपये भी योगदान देता है तो संकट में फंसे परिवार को तत्काल 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिल जाएगी।


लॉकडाउन के बाद विद्यालय खुलते ही शिक्षकों के संक्रमण और मौत की खबर मिलने के बाद विवेकानन्द ने जुलाई में टेलीग्राम एप पर टीचर सेल्फ केयर टीम बनाकर प्रदेशभर के शिक्षकों को जोड़ते हुए पीड़ित परिवारों की सहायता की शुरुआत की थी। अब तक तकरीबन तीन हजार शिक्षक इस टीम का हिस्सा बन चुके हैं। इसके लिए शिक्षकों को एक ऑनलाइन शपथ पत्र भरना होता है कि वह किसी भी स्थिति में शिक्षक की मृत्यु होने पर मदद को तैयार है। शिक्षक गूगल फॉर्म के माध्यम से सदस्यता लेते हैं और अपनी जानकारी भी देते है ताकि विपरीत परिस्थिति में पीड़ित परिवार से संपर्क किया जा सके। विवेकानन्द कोर्ट के माध्यम से पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई भी लड़ रहे हैं।

इन जिलों के शिक्षक जुड़े मुहिम से
इस मुहिम से अब तक प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, शाहजहापुर, हरदोई, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर, सीतापुर, एटा, फर्रुख़ाबाद, संतकबीर नगर, महराजगंज, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, बदायूं , चंदौली, कन्नौज, सोनभद्र,आजमगढ़, अमेठी, गोंडा, मुरादाबाद, बहराइच, व बलरामपुर के शिक्षक जुड़ चुके हैं।

टीचर सेल्फ केयर टीम से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर जुड़ें -