कोरोना काल मे ही होंगे JEE MAINS व NEET EXAM, नेेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने किया साफ समय पर ही होंगे जेईई मेंस और नीट
नई दिल्ली: इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेंस और मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) टालने के लिए कुछ छात्रों के साथ-साथ विपक्षी राजनीतिक दलों ने भले मोर्चा खोल दिया है, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के बढ़े कदम अब रुकने वाले नहीं हैं। एनटीए ने साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद परीक्षाओं में अब कोई भी बदलाव संभव नहीं है। यह तय तारीखों पर ही होंगी। एनटीए ने बुधवार को नीट के प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए और अब तक 14 लाख से ज्यादा छात्रों ने जेईई और नीट के प्रवेशपत्र डाउनलोड कर लिए हैं।
परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर छात्रों का एक वर्ग मोर्चा खोले हुए है जिसे कांग्रेस और दूसरे विपक्षी राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और मांग की कि सभी पक्षों से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाए। इससे पहले महाराष्ट्र, ओडिशा, बंगाल और दिल्ली जैसे राज्य परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर चुके हैं। बहरहाल, सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सर्वसम्मति से फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की जरूरत जताई है।
वहीं, शिक्षा मंत्रलय के सूत्रों की मानें तो जो लोग परीक्षाओं को स्थगित या रद करने की मांग कर रहे हैं, वे निजी शैक्षणिक संस्थान चलाने वाले एक वर्ग को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। सत्र में बहुत वक्त नहीं बचा है और ऐसे में परीक्षा टलती है तो निजी संस्थानों को मनमाने तरीके से एडमिशन देने का अवसर मिल सकता है। मालूम हो कि मौजूदा योजना के तहत जेईई मेंस एक से छह सितंबर और नीट का आयोजन 13 सिंतबर को होना है।
बहरहाल, एनटीए का कहना है कि जो लोग कोरोना संक्रमण का हवाला देकर इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं, उनकी मांग पर पहले भी दो बार इन परीक्षाओं को टाला जा चुका है। अब इन परीक्षाओं को टालना इसलिए भी संभव नहीं है क्योंकि इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों के लिए नया सत्र शुरू कर पाना असंभव होगा। ऐसे में छात्रों का यह साल खराब होगा जो ज्यादातर छात्र और अभिभावक नहीं चाहते। एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने बताया कि जहां तक कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की बात है तो वह सरकार की ओर से जारी सुरक्षा निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे। इसकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ी दी गई है। नीट में एक कमरे में सिर्फ 12 छात्रों को ही बैठाया जाएगा।
अब तक एक कमरे में 25 छात्रों को बैठाया जाता था। वहीं जेईई मेंस पूरी तरह कंप्यूटर बेस्ड होता है, उसमें भी अलग-अलग शिफ्टों में बच्चों को बुलाया गया है। साथ ही कंप्यूटरों की नंबरिंग भी की गई है। इसके तहत एक शिफ्ट में सम संख्या वाले कंप्यूटरों पर परीक्षा होगी, जबकि दूसरी शिफ्ट में विषम संख्या वाले कंप्यूटरों पर परीक्षा होगी।
सुप्रीम कोर्ट भी लगा चुका है मुहर : सुप्रीम कोर्ट ने भी 17 अगस्त को कोरोना महामारी के चलते नीट और जेईई को टालने की मांग खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत का कहना था, ‘कोरोना के कारण जिंदगी नहीं रोकी जा सकती। हमें सारी सावधानियों के साथ आगे बढ़ना होगा। आप लोग छात्र हैं। क्या आप एक साल बर्बाद करने को तैयार हैं?’ पीठ ने एक वकील से सवाल भी किया था कि क्या आप लोग मांग नहीं कर रहे कि कोर्ट नियमित ढंग से खुलना चाहिए। कोर्ट भी सामान्य तौर पर खुलने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में परीक्षाएं टालने की मांग कैसे की जा सकती है।
’>>नीट के प्रवेशपत्र भी जारी, अब तक 14 लाख से ज्यादा डाउनलोड
’>>परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं सात राज्य
शिक्षाविदों ने कहा, परीक्षा टालना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
नई दिल्ली, प्रेट्र: भारत और विदेश के 150 से ज्यादा शिक्षाविदों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि जेईई मेंस और नीट को और टालने का मतलब छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा, क्योंकि इससे उनका एक कीमती साल बर्बाद हो जाएगा। शिक्षाविदों ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। कोरोना से छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
छात्रों के प्रवेश पत्र ही होंगे पास
यदि किसी छात्र का घर कंटेनमेंट क्षेत्र में है तो उसे बाहर जाने की अनुमति होगी। उसके प्रवेश पत्र को ही पास माना जाएगा। वहीं, परीक्षा केंद्रों पर तैनात होने वाले अधिकारियों के जारी ऑर्डर उनके पास माने जाएंगे। छात्रों के बेहतर आवागमन के लिए राज्यों को विशेष इंतजाम करने के लिए कहा गया है।
परीक्षा केंद्रों पर भीड़ से निपटने के भी रहेंगे खास इंतजाम
एनटीए ने परीक्षा केंद्रों पर होने वाली भीड़ से बचाव के लिए भी व्यापक इंतजाम किए हैं। इसमें छात्रों के साथ आने वाले अभिभावकों को परीक्षा केंद्र के पास खड़े होने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, छात्रों को एक-एक करके ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा खत्म होने के बाद भी उन्हें एक-एक करके बाहर निकलने दिया जाएगा। इसके लिए एनटीए की ओर से हर केंद्र पर अलग से टीम तैनात की जाएगी।
नीट में पंजीकृत छात्र:15.97 लाख
प्रवेश पत्र डाउनलोड : 6.84 लाख
जेईई में पंजीकृत छात्र: 9.53 लाख
प्रवेश पत्र डाउनलोड : 7.41 लाख
परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर छात्रों का एक वर्ग मोर्चा खोले हुए है जिसे कांग्रेस और दूसरे विपक्षी राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और मांग की कि सभी पक्षों से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाए। इससे पहले महाराष्ट्र, ओडिशा, बंगाल और दिल्ली जैसे राज्य परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर चुके हैं। बहरहाल, सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सर्वसम्मति से फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की जरूरत जताई है।
वहीं, शिक्षा मंत्रलय के सूत्रों की मानें तो जो लोग परीक्षाओं को स्थगित या रद करने की मांग कर रहे हैं, वे निजी शैक्षणिक संस्थान चलाने वाले एक वर्ग को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। सत्र में बहुत वक्त नहीं बचा है और ऐसे में परीक्षा टलती है तो निजी संस्थानों को मनमाने तरीके से एडमिशन देने का अवसर मिल सकता है। मालूम हो कि मौजूदा योजना के तहत जेईई मेंस एक से छह सितंबर और नीट का आयोजन 13 सिंतबर को होना है।
बहरहाल, एनटीए का कहना है कि जो लोग कोरोना संक्रमण का हवाला देकर इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं, उनकी मांग पर पहले भी दो बार इन परीक्षाओं को टाला जा चुका है। अब इन परीक्षाओं को टालना इसलिए भी संभव नहीं है क्योंकि इसके बाद शैक्षणिक संस्थानों के लिए नया सत्र शुरू कर पाना असंभव होगा। ऐसे में छात्रों का यह साल खराब होगा जो ज्यादातर छात्र और अभिभावक नहीं चाहते। एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने बताया कि जहां तक कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की बात है तो वह सरकार की ओर से जारी सुरक्षा निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे। इसकी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ी दी गई है। नीट में एक कमरे में सिर्फ 12 छात्रों को ही बैठाया जाएगा।
अब तक एक कमरे में 25 छात्रों को बैठाया जाता था। वहीं जेईई मेंस पूरी तरह कंप्यूटर बेस्ड होता है, उसमें भी अलग-अलग शिफ्टों में बच्चों को बुलाया गया है। साथ ही कंप्यूटरों की नंबरिंग भी की गई है। इसके तहत एक शिफ्ट में सम संख्या वाले कंप्यूटरों पर परीक्षा होगी, जबकि दूसरी शिफ्ट में विषम संख्या वाले कंप्यूटरों पर परीक्षा होगी।
सुप्रीम कोर्ट भी लगा चुका है मुहर : सुप्रीम कोर्ट ने भी 17 अगस्त को कोरोना महामारी के चलते नीट और जेईई को टालने की मांग खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत का कहना था, ‘कोरोना के कारण जिंदगी नहीं रोकी जा सकती। हमें सारी सावधानियों के साथ आगे बढ़ना होगा। आप लोग छात्र हैं। क्या आप एक साल बर्बाद करने को तैयार हैं?’ पीठ ने एक वकील से सवाल भी किया था कि क्या आप लोग मांग नहीं कर रहे कि कोर्ट नियमित ढंग से खुलना चाहिए। कोर्ट भी सामान्य तौर पर खुलने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में परीक्षाएं टालने की मांग कैसे की जा सकती है।
’>>नीट के प्रवेशपत्र भी जारी, अब तक 14 लाख से ज्यादा डाउनलोड
’>>परीक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं सात राज्य
शिक्षाविदों ने कहा, परीक्षा टालना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
नई दिल्ली, प्रेट्र: भारत और विदेश के 150 से ज्यादा शिक्षाविदों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि जेईई मेंस और नीट को और टालने का मतलब छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा, क्योंकि इससे उनका एक कीमती साल बर्बाद हो जाएगा। शिक्षाविदों ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। कोरोना से छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
छात्रों के प्रवेश पत्र ही होंगे पास
यदि किसी छात्र का घर कंटेनमेंट क्षेत्र में है तो उसे बाहर जाने की अनुमति होगी। उसके प्रवेश पत्र को ही पास माना जाएगा। वहीं, परीक्षा केंद्रों पर तैनात होने वाले अधिकारियों के जारी ऑर्डर उनके पास माने जाएंगे। छात्रों के बेहतर आवागमन के लिए राज्यों को विशेष इंतजाम करने के लिए कहा गया है।
परीक्षा केंद्रों पर भीड़ से निपटने के भी रहेंगे खास इंतजाम
एनटीए ने परीक्षा केंद्रों पर होने वाली भीड़ से बचाव के लिए भी व्यापक इंतजाम किए हैं। इसमें छात्रों के साथ आने वाले अभिभावकों को परीक्षा केंद्र के पास खड़े होने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, छात्रों को एक-एक करके ही परीक्षा केंद्रों में प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा खत्म होने के बाद भी उन्हें एक-एक करके बाहर निकलने दिया जाएगा। इसके लिए एनटीए की ओर से हर केंद्र पर अलग से टीम तैनात की जाएगी।
नीट में पंजीकृत छात्र:15.97 लाख
प्रवेश पत्र डाउनलोड : 6.84 लाख
जेईई में पंजीकृत छात्र: 9.53 लाख
प्रवेश पत्र डाउनलोड : 7.41 लाख