मिड डे मील का होगा सोशल ऑडिट, प्रदेश भर में लागू होगी व्यवस्था Mid Day Meal Social Audit
प्रयागराज : सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को बंटने वाले मिड-डे मील की सोशल ऑडिट अब गांव-गांव डुगडुगी बजाकर कराई जाएगी। मिड-डे-मील प्राधिकरण ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और कोरोना से उबरने के बाद जब स्कूल खुलेंगे तो यह व्यवस्था प्रदेशभर के 75 जिलों में लागू हो जाएगी। इसके तहत गांवों में डुगडुगी बजाकर लोगों को सोशल ऑडिट के बारे में जानकारी देंगे और संवेदनशील लोगों को इस योजना से जोड़कर स्कूलों में पकने वाले मध्याह्न भोजन का फीडबैक लेंगे। 

समाज के सहयोग से बच्चों को बंटने वाले मिड-डे-मील की गुणवत्ता और बेहतर करने के मकसद से सोशल ऑडिट की शुरुआत 15 जिलों में फरवरी 2020 में हुई थी। हालांकि एक महीने बाद ही कोरोना के कारण लॉकडाउन हो गया और उसके बाद से आज तक स्कूल खुलने की नौबत नहीं आ सकी है। जिन 15 जिलों में सोशल ऑडिट की शुरुआत हुई थी उनमें बहराइच, बलरामपुर, बिजनौर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, कन्नौज, सहारनपुर, कुशीनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, सोनभद्र और सुल्तानपुर शामिल हैं।

▪️स्कूल खुलने पर प्रदेशभर में लागू होगी व्यवस्था

▪️गांवों में डुगडुगी बजाकर योजना की देंगे जानकारी

▪️फरवरी में 15 जिलों में शुरू हुई थी सोशल ऑडिट 

▪️समाज की सहभागिता से बच्चों को देंगे बेहतर भोजन।

"मिड-डे-मील सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसे और बेहतर बनाने के लिए समाज का सहयोग लिया जाएगा। इस सत्र से सोशल ऑडिट सभी स्कूलों में लागू करने जा रहे हैं।"  
-विजय किरन आनंद महानिदेशक स्कूली शिक्षा।

हर बिंदु पर फीडबैक देंगे जागरूक ग्रामीण -
सोशल ऑडिट के तहत जिन जागरूक ग्रामीणों को जोड़ा जाएगा वे विभिन्न बिन्दुओं पर अपनी रिपोर्ट मिड-डे-मील प्राधिकरण और बेसिक शिक्षा विभाग को देंगे। उदाहरण के तौर पर रसोईयां नियमित आ रहा है या नहीं, उन्हें मानदेय समय से मिल रहा है या नहीं, रसोई के ऊपर शेड है या नहीं, बर्तन सही है या नहीं, राशन समय से आ पाता है या नहीं, साफ-सफाई से खाना बनता है या नहीं समेत अन्य जानकारी के माध्यम से मिलेगी।