राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति का विरोध शुरू, शिक्षा विदों ने नई शिक्षा नीति को बताया छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों के लिए प्रतिकूल - Protest against national new education policy started

प्रयागराज। ‘नई शिक्षा नीति और शिक्षकों पर प्रभाव’ विषय पर अखिल भारतीय शिक्षा बचाओ समिति की ओर से ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। शिक्षा नीति में जो शिक्षकों को चाणक्य जैसा सम्मान दिलाने की बात कही गई है, वह मात्र छलावा है, क्योंकि शिक्षा नीति में शिक्षकों की सेवा शर्तों व पेंशन आदि का कोई जिक्र नहीं किया गया है।

निजी स्कूलों में शिक्षकों की जो दयनीय हालत है, उस पर भी इस शिक्षा नीति ने चुप्पी साध ली है। शिक्षकों की सेवा शर्तों में सुधार किए बिना तथा निजी स्कूलों के प्रबंधकों को नियंत्रित किए बगैर कैसे शिक्षकों को सम्मान मिलेगा यह समझ के बाहर है। परिचर्चा में मुन्नीलाल, बृजेश कटियार, नरेंद्र सिंह, डॉ. चंद्रभान यादव, राम सिंह, शिव भान सिंह शामिल रहे। संचालन लालचंद पटेल ने किया।