अगर परिषदीय स्कूल खुले तो कैसे होगी पढ़ाई ! तैयार हो रहा शैक्षिक गतिविधियों का खाका - up primary education in covid19
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लागू होने से परिषदीय विद्यालय पिछले पांच महीने से बंद हैं। विभाग और शिक्षक ऑनलाइन के विभिन्न माध्यमों के जरिये बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण व रोचक शिक्षा पहुंचाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभिभावकों के पास संसाधन ने होने से छात्र उसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। बहुत कम बच्चों के घरों में स्मार्टफोन है। पूरे परिवार में एक स्मार्टफोन होने से बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। पढ़ाई के लिए बच्चे कुछ समय ही दे पा रहे हैं।



पहला पीरियड उपचारात्मक शिक्षा का होगा 
परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के छात्र पढ़ते हैं। इन बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने अधिकारियों के साथ बैठक में शिक्षा अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। परिषदीय विद्यालयों में पहला पीरियड रेमेडियल क्लास का होगा इसमें जिन छात्रों की क्षमता कम है, उनपर विशेष ध्यान देकर पठन-पाठन का स्तर सुजारा जाएगा। वहीं रीडिंग स्किल सुधारने और शारीरिक विकास के लिए लाइब्रेरी व स्पोर्ट्स का भी एक-एक पीरियड रखने पर जोर दिया गया।


घर-घर पहुंचाई जाएगी अच्छे शिक्षकों की कहानी 
जो शिक्षक अच्छा कार्य कर रहे हैं, जिनका पढ़ने का तरीका अलग और रोचक है, उनका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया गया। उनकी कहानी को हर घर तक पहुंचाने पर बल दिया गया, ताकि बाकी शिक्षक भी उनसे प्रेरित हो सके।