गारंटीड पेंशन स्कीम क्या है what is Guaranteed pension scheme 
नई दिल्ली. पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority) के अध्यक्ष सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा कि प्राधिकरण न्यूनतम रिटर्न की गारंटी वाली पेंशन योजना पेश करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि पेंशन प्राधिकरण इस संबंध में पेंशन फंडों और एक्चुरियल फर्मों के साथ बातचीत कर रही है. इस बातचीत के आधार पर प्रस्तावित योजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि PFRDA कानून के तहत हमें एक न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न की योजना शुरू करने की अनुमति है.
चालू वित्त वर्ष में पेश होगी योजना-



पेंशन फंड (पीएफ) योजनाओं के तहत, प्रबंधित फंड को मार्क-टू-मार्केट किया जाता है. इसलिए जाहिर तौर पर कुछ उतार-चढ़ाव होते हैं और मूल्यांकन बाजार की चाल पर आधारित होते हैं. बंदोपाध्याय ने कहा कि इसलिए कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं, जो न्यूनतम सुनिश्चित रिटर्न चाहेंगे. इसलिए हम अपने पेंशन फंड प्रबंधकों और कुछ एक्चुरियल फर्मों के साथ काम कर रहे हैं कि न्यूनतम गारंटी की आदर्श स्तर क्या हो, जो दिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद गारंटी बाजार से जुड़ी होगी क्योंकि फंड प्रबंधकों को ही निवेश पर प्रतिफल के गारंटीकृत हिस्से को तय करना होगा. यह पूछने पर कि क्या पीएफआरडीए चालू वित्त वर्ष में इस योजना की पेशकश कर देगा, उन्होंने कहा, हम कोशिश करेंगे. यह ऐसा उत्पाद है जिसे हम खुद तैयार कर रहे हैं.


सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू हुई एनपीएस
एनपीएस और एपीवाई में सब्‍सक्राइबर्स को हर महीने, तिमाही या हर छमाही तय राशि का निवेश करना होता है. इसके बाद सब्‍सक्राइबर को रिटायरमेंट के बाद निश्चित राशि हर महीने पेंशन के तौर पर दी जाती है. एनपीएस में 18 से 60 साल तक का कोई भी भारतीय नागरिक शामिल हो सकता है. केंद्र सरकार ने इसे 1 जनवरी 2004 को पेश किया था. इस तारीख के बाद ज्वाइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना जरूरी है.

साल 2009 के बाद से योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों के लिए भी खोल दिया गया. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं. वहीं, बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए एन्‍युटी ले सकते हैं.