चार वर्षीय बीएड कोर्स क्या है जाने What is Four Years BEd
प्रदेश में स्नातक के साथ बीएड के चार वर्षीय कोर्स की ज्यादा मांग होने लगी है। इस कोर्स की मान्यता लेने के लिए प्रदेश के 2200 महाविद्यालयों ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि इन प्रस्तावों पर अभी तक कोई पहल नहीं हुई है। जाहिर है कि ज्यादातर ने नए चार वर्षीय कोर्स के लिए आवेदन कर रखा है।


एनसीटीई की मान्यता मिलने के बाद ही विश्वविद्यालयों से संबद्धता के लिए आवेदन किया जा सकता है। प्रदेश में फिलहाल दो वर्षीय बीएड कोर्स संचालित है। इस कोर्स में दाखिला स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही लिया जा सकता है। चार वर्षीय नए कोर्स में दाखिला इंटरमीडिएट के बाद होगा। इस तरह तीन वर्षीय स्नातक के बाद बीएड में एक साल ही समय लगेगा। मौजूदा समय में स्नातक के बाद बीएड करने में पांच साल लगते हैं। एक समस्या यह भी है कि परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने लेने वाले को भी दो वर्षीय बीएड कोर्स करना पड़ता है।

प्रदेश में मौजूदा बीएड कोर्स संचालित करने वाले महाविद्यालयों की संख्या 2200 से ही आसपास है। इससे नई शिक्षा नीति में भी इसी चार वर्षीय कोर्स को आगे जारी रखने का प्रावधान होने से इसका आकर्षण और बढ़ा है। नई शिक्षा नीति लागू करने को गठित उच्च शिक्षा विभाग की स्टीयरिंग कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि इस नए कोर्स के बारे में उत्साहजनक 'फीडबैक' मिल रहा है। स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने सरकार को दोनों पाठ्यक्रम साथ-साथ संचालित करने का सुझाव दिया है।