शर्तों के साथ मिली कक्षा 11 व 12 की कक्षाओं के संचालन की परमीशन, बिना अभिभावकों की सहमति के नही खुलेंगे स्कूल School Re Opening in COVID19

● शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक में फैसला

● प्रोटोकॉल के पालन व अभिभावकों की अनुमति से ही स्कूल में प्रवेश

● अभिभावकों की सहमति बिना स्कूल नहीं खुलेंगे


राजधानी में बच्चों के अभिभावकों की सहमति बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे। यह फैसला जिला प्रशासन ने बुधवार को स्कूल प्रबंधकों व अभिभावक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद लिया है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने साफ किया कि इस दौरान ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। उन्होंने इसे प्राथमिकता देने को कहा।


 डीएम ने बताया कि प्रथम चरण में कक्षा 10 व 12, द्वितीय चरण में कक्षा 9 व 11 और तृतीय चरण में फीड बैक आने के बाद छोटे बच्चों के स्कूल खोलने पर निर्णय लिया जायेगा। डीएम ने कहा कि हर स्कूल में एक मेडिकल रूम बनाया जाए। इसमें दो बेड हो। चिकित्सीय सुविधा के साथ जानकारी रखने वाला व्यक्ति उपस्थित रहे।

  प्रशासन की हरी झंडी मिलने के साथ ही 15 अक्टूबर से राजधानी में स्कूल खोलने को लेकर बना असमंजस समाप्त हो गया। बुधवार को स्कूल प्रबंधकों और शिक्षा विभाग की बैठक के बाद प्रशासन ने शर्तो के साथ अनुमति प्रदान कर दी। फिलहाल नौ से बारह तक की कक्षाओं को ही कड़ी शतरें के साथ ही चलाने की अनुमति दी गई है। पहले चरण में कक्षा 11 और 12 तथा द्वितीय चरण में कक्षा नौ और 10 के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। इसके साथ ही स्कूलों को चिकित्सा सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी।



कोरोना के चलते बीते कई महीनों से स्कूल बंद हैं और बच्चे ऑनलाइन क्लास के सहारे पढ़ाई कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल खोलने की घोषणा के बाद भी राजधानी में कई स्कूल असमंजस में थे। बच्चों की सुरक्षा को फिक्रमंद स्कूल प्रबंधक स्पष्ट दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे थे। बुधवार को डीएम के साथ विद्यालय प्रबंधकों एवं अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों की बैठक में शतरे के साथ स्कूल खुलने पर सहमति बनी। स्कूलों के सुरक्षा इंतजामों से संतुष्ट होकर डीएम ने हरी झंडी दिखा दी।

बच्चों की सुरक्षा अहम

डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय खोलकर बच्चों को बुलाए जाने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल से संबंधित जो गाइडलाइन शासन द्वारा जारी की गई है उसका पूरी तरह से पालन कराया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे अहम है। सभी राजकीय, एडेड और निजी माध्यमिक विद्यालयों को शासन की गाइडलाइन जारी कर दी गई है। विद्यालयों के कक्ष, जहां बच्चे बैठेंगे वहां उसका रोजाना सैनिटाइज करना होगा। बिना मास्क के किसी भी बच्चे को विद्यालय के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा ।