यूपी की योगी सरकार ने हाईकोर्ट में माना, 31661 शिक्षकों के चयन में हुईं गलतियां shikshak bharti 2020
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 31661 पदों पर नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार ने चयन में गलतियां होने की बात स्वीकार की है। सोमवार को हाईकोर्ट में सरकार की ओर से माना गया कि कम मेरिट के कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल गई जबकि अधिक मेरिट वालों को नहीं मिल सकी।
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बताया कि एनआईसी और बेसिक शिक्षा परिषद से हुई इस गलती के जांच के लिए सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने कोर्ट को कि जो भी गलतियां हुई हैं, उन्हें सुधारा जाएगा और गलत चयन रद्द किए जाएंगे। महाधिवक्ता के इस बयान के बाद कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख लगा दी।
संजय कुमार यादव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने एडवोकेट जनरल से उनका यह बयान दर्ज करने की बात पूछी तो उन्होंने इस पर सहमति दे दी और कहा कि सूची जारी करने में एनआईसी व बेसिक शिक्षा परिषद के स्तर से हुई गलती को सुधारा जाएगा तथा कम गुणांक वालों को दिए गए नियुक्ति पत्र निरस्त कर अधिक गुणांक पाने वालों का चयन किया जाएगा। याचियों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अनिल सिंह बिसेन आदि का कहना था कि नियुक्ति पत्र की जारी सूची में कई ऐसे मामले हैं जिनमें कम गुणांक वालों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए जबकि अधिक गुणांक वाले चयन से बाहर हैं। इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से इस विसंगति के बारे में जवाब मांगा था।