Festival Advance Package में 2800 देकर दस हजार की वसूली, डीए व बोनस हड़पने की कोशिश कर रही योगी सरकार
फेस्टिवल एडवांस में 28 सौ देकर दस हजार वसूली: परिषद
कर्ज बेहतर कर्मचारियों, पेंशनर्स का हड़पा गया डीए/डीआर लौटाए सरकार

आगरा 18 अक्टूबर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को स्पेशल फेस्टिवल पैकेज के नाम पर एडवांस व्यवस्था को शुद्ध व्यापारिक और कमाऊ बताते हुए इसे कर्मचारियों को बरगलाने वाला बताया है। परिषद के अध्यक्ष इं.हरिकिशोंर तिवारी और महामंत्री शिवबरन सिंह यादव के संयुक्त बयान में कहा कि कोरोना काल में योद्धा की तरह काम करने वाले कर्मचारियों से पहले ही कई तरह के भत्ते छीन चुकी सरकार ने वर्षो से कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस से वंचित रखने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज की टाॅफी दी है। उनका कहना है कि सरकार भले ही यह दावा करे कि वह दस हजार एडवांस दे रही है, लेकिन शासनादेश इस बाॅत के साफ संकेत दे रहा है कि इस दस हजार को लेते ही आपके पास से 7200 रूपये टैक्स के रूप में सरकार के पास पहुच जाएगा। यानि सरकार वैसे तो दस हजार रूपये एडवांस देकर वाहवाही लूटेगी और आपकों इसके लिए 7200 टैक्स के रूपये में देने होगे।
श्री तिवारी और श्री यादव ने इसके पीछे तर्क दिया है कि दस हजार एडवांस लेने पर इसके लिए आप को अपने पास से तीस हजार रूपये मिलाकर वह खरीददारी करनी होगी जिस पर 12 प्रतिशत से अधिक जीएसटी लागू हो। यानि आप उस पैसे को तभी खर्च कर पाएगें जब आप चालीस हजार की खरीददारी करेगें यानि इससे सरकार एक तीर से दो निशाने साध रही है। इससे सरकार का यह फायदा होगा कि ध्वस्त हो चुके बाजार में खरीददारी बढ़ने से रौनक आएगी और सरकार की नकामी छूपेगी दूसरे सरकार दस हजार देकर 7200 रूपये टैक्स वसूलेगी और आपके पास बुरे वक्त के लिए बचा कर रखी धनराशि में से तीस हजार रूपये भी खर्च करा लेगी। परिषद के नेताओं ने दूसरा तर्क यह दिया है कि 10000 का रुपये प्रीपेड कार्ड मिलेगा जिससे दुकान से सामान 31 मार्च 2021 के पहले खरीदना होगा जिस पर 5 प्रतिशत से 28 प्रतिशत तक जीएसटी वसूल करेंगे। 
इसमें नकदी नहीं मिलेगी। ब्याज रहित लोन पर दस माह के ब्याज की लागत 500 होगी, और इस खरीदी पर जीएसटी वसूली औसतन 18 प्रतिशत 1800 रूपये याने 1800-500= मतलब 1300 रूपये प्रति कर्मचारी से सरकार को शुद्ध फायदा फायदा दस हजार के एडवांस में होगा और उसे कर्मचारियों को बोनस देने से भी छुटकारा मिल जाएगा। अभी तक सरकार ने डीए/डीआर फ्रीज के आदेश से कर्मचारियों को काफी धन प्रतिमाह नहीं मिल रहा है और अब खर्चा चलाने के लिए एडवांस देने की बात कर रही हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में कुछ जान आ सके।यही नही सरकार जिस तरह से बता रही है कि इस पर सरकार पर दो हजार करोड़ का बोझा आएगा ऐसा नही बल्कि सरकार को एडवांस देने पर 72 करोड़ रूपये टैक्स के रूप में मिल जाएगा। परिषद की तरफ से मांग गई है कि कर्ज से बेहतर यह नहीं होगा कि सरकार कर्मचारियों, पेंशनर्स का हड़पा गया डीए/डीआर उन्हें लौटा दिया जाए, जिसे वे खर्च करके अर्थव्यवस्था को वांछित गति भी दे सकें और आगे के लिए कर्जदार भी न हों। यही नही प्रतिवर्षानुसार राज्य कर्मचारियों को दीपावली बोनस का भुगतान किया जाए।