शिक्षकों व कर्मचारियों के दस्तावेजों के सत्यापन हेतु जारी अध्यापक सेवा सत्यापन शासनादेश को कोर्ट ने माना पूरी तरह वैध Teacher Verification Order
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत आने वाले गैर वित्तपोषित कालेजों द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के लिए जारी सरकारी गाइडलाइन की चुनौती खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि शासनादेश एक सामान्य आदेश है। यह स्पष्ट है कि दस्तावेजों का सत्यापन कानून के मुताबिक होना है। दिए गए निर्देश पूरी तरह से प्रशासनिक हैं। यह मनमाना नहीं है, न ही इससे याचीगण के मौलिक अधिकारों का हनन होता है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूíत गोविंद माथुर व न्यायमूíत सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने अवनींद्र कुमार झा की जनहित याचिका पर दिया है।
याचिका में कहा गया था कि 10 जुलाई 2020 को निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने गैर वित्तपोषित माध्यमिक शिक्षण संस्थाओं में पढ़ा रहे अध्यापकों की सेवा अवधि सत्यापित करने के लिए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए गाइडलाइन जारी की है। याची का कहना था कि इस गाइडलाइन के तहत सेवाकाल के निर्धारण के लिए कुछ और विवरण शामिल किए जाने चाहिए।
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