ऑनलाइन पढ़ाई में भारी भरकम दावों के विपरीत यूपी फिसड्डी, महानिदेशक विजय किरण आनन्द ने सभी बीएसए से मांगा जवाब, Why Weak up in Online Study

ऑनलाइन पढ़ाई में भारी भरकम दावों के विपरीत यूपी फिसड्डी, महानिदेशक विजय किरण आनन्द ने सभी बीएसए से मांगा जवाब, Why Weak up in Online Study 

सरकार के दावे के विपरीत बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों तक नहीं बना पाया अपनी पहुंच, महानिदेशक ने सभी बीएसए से इस बारे में माँगा स्पष्टीकरण
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की स्थिति ठीक नहीं दिखती। सरकार के दावे के विपरीत बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों तक अपनी पहुंच नहीं बना पाया। प्रयागराज में मात्र एक फीसदी  छात्रों ने ही दीक्षा एप डाउनलोड किया। प्रदेश में दीक्षा एप से केवल 11 फीसदी बच्चे ही आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ई पाठशाला चला रहा है। अक्तूबर में विभाग ने दीक्षा एप से पढ़ाई का जो आंकड़ा जारी किया गया, वह निराश करने वाला है। स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने सभी बीएसए से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।


चार जिलों में एक फीसदी से कम प्रगति
परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की स्थिति में सुधार के लिए प्रदेश के स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने जिन जिलों में ऑनलाइन पढ़ाई की स्थिति ठीक नहीं है, वहां सुधार के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों एवं दूसरे संबद्ध अधिकारियों को निर्देश दिया है। प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जहां की प्रगति शून्य है। चार जिले बुलंदशहर, बलिया, कुशीनगर एवं बदायूं ऐसे हैं, जहां अभी तक एक फीसदी से कम बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दीक्षा एप डाउनलोड किया।  

इसके अलावा आधा दर्जन जिले ऐसे हैं, जहां मात्र एक फीसदी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दीक्षा एप से जुड़े। इनमें प्रयागराज भदोही, बहराइच, श्रावस्ती, शामली, गौतमबुद्ध नगर, लखीमपुर खीरी एवं रायबरेली शामिल हैं। स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से जारी आंकड़े में कहा गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई में प्रदेश की राजधानी लखनऊ सबसे आगे रही। यहां 84 फीसदी छात्रों ने दीक्षा एप डाउनलोड किया। गाजियाबाद 31 फीसदी के साथ दूसरे तथा तीसरे स्थान पर कानपुर एवं वाराणसी में 26-26 फीसदी बच्चों ने एप डाउनलोड किया। 

28 फीसदी बच्चे टीवी, रेडियो से कर रहे पढ़ाई
परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के लिए दीक्षा एप के जरिए रोचक वीडियो एवं ई-कंटेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। लेकिन अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं होने से परेशानी खड़ी हुई है। ऐसे बच्चों के लिए दूरदर्शन और रेडियो पहली पसंद बने हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी आंकड़े में कहा गया है कि प्रदेश के 28 फीसदी बच्चे दूरदर्शन और रेडियो से पढ़ाई कर रहे हैं।

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