अनुदेशकों की सैलरी सत्रह हजार से जुड़ा मामला अब सुप्रीम कोर्ट में anudeshak salary 17000 matter supreme court

अनुदेशकों की सैलरी सत्रह हजार से जुड़ा मामला अब सुप्रीम कोर्ट में anudeshak salary 17000 matter supreme court
परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाकर प्रतिमाह 17 हजार रुपये करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने 23 नवंबर को 17 हजार रुपये बढ़ाने के आदेश का अनुपालन करने या मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी को 8 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था। उससे पहले ही महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर दी। सर्वोच्च न्यायालय ने 7 दिसंबर को हाईकोर्ट के 23 नवंबर के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई की तारीख 8 जनवरी को तय की है। हाईकोर्ट ने तीन जुलाई 2019 को अनुदेशकों को 17 हजार रुपये मानदेय देने का आदेश दिया था। लेकिन प्रदेश सरकार ने आदेश के उलट 15 जुलाई को इनका मानदेय 8470 रुपये से घटाकर 7000 रुपये कर दिया। हाईकोर्ट ने दोबारा 20 अगस्त को मानदेय 17 हजार रुपये देने का आदेश दिया था। लेकिन अब तक यह प्रकरण कानूनी दांव-पेंच में फंसा हुआ है।


आरटीई के तहत 2013 में हुई थी नियुक्ति 
निःशुल्क एवं अनिवार्य बात शिक्षा का अधिकार ( आरटीई) अधिनियम के तहत सूबे के उन उच्च प्राथमिक स्कूलों में 2013 में अंशकालिक अनुदेशकों की नियुक्ति & थी, जहां छात्र-छात्राओं की संख्या 100 से अधिक थी। इनका काम कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को कता शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा एवं कार्यनुभव शिक्षा देना है। वर्तमान में 29355 अनुदेशक कार्यरत हैं। 2016 में सरकार ने इनका मानदेय बढ़ाकर 8470 रुपये कर दिया था।


तीन साल पहले भेजा था प्रस्ताव 
प्रदेश सरकार ने 2017 में अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाकर 17000 रुपये करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। मानव संसाधान विकास मंत्रालय ( वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय) की प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड ( पीएबी) की बैठक में इसे मंजूर भी कर लिया गया। बाद में उत्तर प्रदेश के न्याय विभाग की आपत्ति पर मानदेय में वृद्धि नहीं की गई । इसे लेकर अनुदेशकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की।
और नया पुराने