प्रदेश सरकार के महिला कल्याण विभाग ने सभी सरकारी सेवकों से दहेज न लेने के संबंध में मांगा प्रमाण पत्र, कर्मचारी संगठनों ने जताया विरोध | Certificate sought regarding not taking dowry
इटावा। प्रदेश सरकार के महिला कल्याण विभाग ने सभी सरकारी सेवकों से दहेज न लेने के संबंध में प्रमाण मांगा है। वर्ष 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए सेवकों को यह शपथपत्र देना ही होगा। कुछ विभागों ने शपथ पत्र भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
संबंधित सभी विभागों को जल्द सूचना उपलब्ध करने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, कर्मचारी संगठन इस आदेश को बेतुका बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।
महिला कल्याण विभाग से सभी विभागों के कर्मचारियों से इस आशय का प्रमाणपत्र मांगा गया कि उन्होंने अपने विवाह में दहेज नहीं लिया है। प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय का उल्लेख करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को स्वघोषित घोषणापत्र देगा कि उसने अपने विवाह में कोई दहेज नहीं लिया है।
इस संबंध में प्रमाणपत्र का प्रारूप भी जारी किया है। कर्मचारियों को यही प्रमाणपत्र भरकर देना है। यह प्रमाणपत्र उन कर्मचारियों को देना है जिनका विवाह 2004 के बाद हुआ है।
उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 2004 के प्रथम संशोधन को जारी करते हुए नियमावली 5 में यह व्यवस्था की गई कि कर्मचारियों को इस आशय का प्रमाणपत्र देना होगा।
जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि कार्यालय के कर्मियों ने अपना प्रमाणपत्र भेज दिया है। अन्य विभागों से भी जानकारी मांगी गई है। शीघ्र ही सूचना शासन को भेजी जानी है।
सूचना शासन से निर्धारित प्रारूप पर देनी है। 7 कॉलम का प्रारूप में नाम और पदनाम के साथ विवाह की तारीख भी दर्ज की जानी है। शिक्षक कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव यादव ने आदेश का विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि शासन का यह कदम बेतुका है। इसका अब कोई अर्थ नहीं है। यह सिर्फ कर्मचारियों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।