Big Breaking : अभी स्कूल-कालेज खुलने के आसार नहीं, जानिए क्या कहते हैं शिक्षा जगत के जानकार | No School Open Probability in Up

मुरादाबाद, । When School College Open माध्यमिक और सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में अभी तक बच्चों का पचास फीसद पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ था कि कोरोना ने एक बार फिर पढ़ाई पर पानी फेर दिया। सभी स्कूल-कालेजों बंद हैं और बच्चे घरों पर है। कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार को देखते हुए आगे भी स्कूल-कालेज खुलने के आसार नहीं हैं। ऐसे में अब आन-लाइन पढ़ाई का ही विकल्प बचा है। इसके चलते स्कूल प्रबंधन व अधिकारी पूरी तरह से आनलाइन पढ़ाई की तैयारी में लग गए हैं।परीक्षाएं आन-लाइन होंगी या आफलाइन इसको लेकर अभी कोई निर्देश नहीं आए हैं। हालांकि स्कूल प्रबंधन ने दोनों तरीके से परीक्षाएं कराने की अपनी तैयारियां कर रखी हैं।


सरकारी, निजी और सहायता प्राप्त 335 माध्यमिक और सीबीएसई बोर्ड के 50 विद्यालय अमरोहा जिले में संचालित हैं। इनमें करीब दो लाख से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते सभी स्कूल बंद थे और अव्यवस्थित ढंग से आन-लाइन पढ़ाई कराई जा रही थी। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के बाद नये सत्र से सभी स्कूल कालेजों में पढ़ाई शुरू कराई गई। अभी बच्चों का ठीक से पचास फीसद कोर्स भी पूरा नहीं हुआ था अचानक दिसंबर माह से कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली। सुरक्षा के लिहाज से सभी स्कूल-कालेजों को 16 जनवरी तक के लिए बंद करा दिया गया है। उधर, कोरोना की रफ्तार और तेज हो गई है।


प्रतिदिन संक्रमित होने वाले मरीजों का आकड़ा सौ के आसपास रह रहा है। जिससे आगे भी स्कूल खुलने के आसार नहीं हैं। इसके चलते अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित है। डीआईओएस रामाज्ञा कुमार ने भी बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते कालेज खुलने के आगे भी आसार कम है। शासन से भी अभी कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। आनलाइन पढ़ाई कराकर बच्चों का पूरा कोर्स कराया जाएगा। सीबीएसई बोर्ड के जिला को-आर्डिनेटर राहुल अग्रवाल ने कहा कि स्कूलों में अभी 50 फीसद पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ है। स्कूल बंद कराने का निर्णय सरकार ने जल्दबाजी में लिया गया है।


जीआइसी के प्रधानाचार्य दिनेश चिकारा ने बताया कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में स्कूल-कालेज खुलने के कोई आसार नहीं है। वाट्सएप ग्रुप पर आनलाइन कक्षाएं चलाकर बच्चों का बाकी कोर्स पूरा कराया जाएगा। सर्वोदय इंटर कालेज की शिक्षिका भावना का कहना है कि कोरोना ने तीन साल से बच्चों की पढ़ाई चौपट कर रखी है। हमने तो अपने कालेज में पहले ही 80 फीसद कोर्स पूरा कर दिया है। बाकी कोर्स बच्चों को आनलाइन पढ़ाकर पूरा कराया जाएगा।



अभिभावक प्रदीप भटनागर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल बंद होने से बच्चों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार का स्कूल बंद कराने का निर्णय सही है। बच्चों के आनलाइन पढ़ने में कोई बुराई नहीं है। राजीव कुमार का कहना है कि कोरोना नियंत्रण होने के बाद बच्चे अपनी पढ़ाई के प्रति सजग थे, लेकिन फिर कोरोना के सक्रिय होने के बाद सभी स्कूल-कालेज बंद हो गए हैं। आनलाइन पढ़ाई केवल खानापूर्ति है। जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में हैं।