कोरोना पॉजिटिव चुनाव कर्मियों की इलेक्शन ड्यूटी पर खडे हुए सवाल, Covid19 Positive Election Duty 2022 
गोविंद नगर स्थित एक स्कूल की सहायक अध्यापिका कोविड पॉजिटिव हैं। 11 फरवरी को रिपोर्ट आई। इसी बीच पॉलीटेक्निक में चुनाव की ट्रेनिंग थी। परिजनों ने लिखित जानकारी विकास भवन से लेकरअब भी उनकी तबीयत ठीक नहीं है। फिर भी ड्यूटी Duty के लिए लगातार फोन आ रहे हैं। वहीं, कल्याणपुर ब्लॉक के सरकारी विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक ने चुनाव ड्यूटी लगने पर ट्रेनिंग कर ली। उसके बाद कोविड पॉजिटिव हो गईं। घर पर ही ऑक्सीजन लगी थी। उनके पति भी बीमार रहते हैं। अब भी प्रधानाध्यापक की तबीयत खराब है। प्रार्थना-पत्र देने के बावजूद अफसरों ने उनकी ड्यूटी नहीं काटी।


ये दो तो उदाहरण मात्र हैं। कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों के साथ भी इस बार कोई मुरव्वत नहीं बरती जा रही है। चुनाव में ड्यूटी के लिए दबाव डाला जा रहा। ऐसे मामले लगातार कलेक्ट्रेट, विकास भवन, डीआईओएस कार्यालय और बेसिक शिक्षा विभाग पहुंच रहे हैं। कर्मचारियों के परिजन अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। प्रार्थना-पत्र देने पर ड्यूटी नहीं कट रही है। इससे तंग आकर कई लोगों ने चुनाव आयोग को पत्र भेजे हैं।


हद तो यह है कि पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ पूरी जानकारी संबंधित विभाग को देने के बाद भी कोविड मरीजों के पास लगातार फोन आ रहे हैं। ड्यूटी न करने पर रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी दी जा रही है। एक हफ्ता या पांच दिन क्वारंटीन होने के बाद ड्यूटी करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। यह स्थिति तब है, जब कई पीड़ित चल-फिर नहीं पा रहे।

माइक्रो ऑब्जर्वरों की दो बार ड्यूटी

पोस्टल बैलेट डलवा चुके कई सरकारी कर्मचारियों की चुनाव व ट्रेनिंग दोनों में ड्यूटी लग गई है। अब उनको चार दिन ड्यूटी करने के बाद दोबारा ट्रेनिंग करनी होगी और 20 फरवरी को ड्यूटी करनी पड़ेगी। इनमें ज्यादातर माइक्रो ऑब्जर्वर हैं। प्रार्थना-पत्र देने के बावजूद उनकी भी ड्यूटी नहीं काटी गई। शिक्षा विभाग के अफसरों को दी।