primary ka master: छुट्टी के बाद भी वेतन रोकने का शिक्षकों ने किया विरोध, नामांकन लक्ष्य पूरा न करने पर वेतन रोकना असंवैधानिक Illegal to stop teacher salary

कन्नौज। अवकाश लेने के बाद भी निरीक्षण में शिक्षकों का वेतन रोकने का विरोध शुरू हो गया है। साथ ही छात्र-छात्राओं के प्रवेश का लक्ष्य पूरा न करने पर भी तनख्वाह रोकने की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया गया है।


सोमवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (प्राथमिक संवर्ग) की बैठक कलक्ट्रेट मार्ग स्थित जिला कार्यालय पर हुई। प्रदेश उपाध्यक्ष व कानपुर मंडल प्रभारी राम शुक्ल ने कहा कि कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आकस्मिक व अन्य अवकाश लेने के बाद भी बीएसए संगीता की ओर से अनुपस्थित दिखाकर वेतन रोकने की बात कही है।

बैठक में कहा गया कि शिक्षिका श्रद्धा चौहान समेत ब्लॉक तालग्राम क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान कई मामले ऐसे आए, जिसमें अध्यापक अवकाश पर थे, फिर भी कार्रवाई कर दी गई। जिलाध्यक्ष डॉ. सस्मित द्विवेदी ने कहा कि परिषदीय स्कूलों को बच्चों का दाखिला करने का लक्ष्य दिया गया है।
उससे कम प्रवेश करने पर अध्यापकों का वेतन रोकने की कार्रवाई असंवैधानिक है। कोषाध्यक्ष अरुण कनौजिया ने सभी स्कूलों में बिजली कनेक्शन न होने की समस्या उठाई। इस पर प्रदेश अध्यक्ष को सभी दिक्कतें बताने की बात मंडल प्रभारी ने कही। इस मौके पर अमरनाथ दुबे, चंद्रमोहन त्रिपाठी, सर्वेश द्विवेदी, अतुल पांडेय, आकाश कटियार, अरविंद दुबे, अंबुज गुप्त व गोपाल गुप्त आदि मौजूद रहे।