सोशल मीडिया पर आजकल कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) का एक तथाकथित नोट काफी वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि 29 मई को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में नई पेंशन स्कीम (New Pension Scheme) को खत्म करने और सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) के दायरे में लाने का फैसला किया गया है। इनमें केंद्रीय और राज्यों के सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। सभी केंद्र और राज्य सरकारों के सभी विभागों से खजाने पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ के बारे में 25 अगस्त, 2022 से पहले डीओपीटी (DOPT) को बताने को कहा गया ताकि इसे मार्च, 2023 से लागू किया जा सके।
सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे नोट में कहा गया है कि वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए सरकार के पास पर्याप्त बजट है। साथ ही यह भी कहा गया है कि सभी कर्मचारियों के लिए जीपीएफ स्कीम (GPF Scheme) भी लागू की जा रही है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) को देश के सभी सरकारी कर्मचारियों के बारे में वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट देने को कहा गया है।
क्या है सच्चाई
सरकार से जुड़े आधिकारिक सूत्रों के कहना है कि इस नोट में कोई सच्चाई नहीं है। उनका कहना है कि इसमें सबकुछ फर्जी है। पहली बात कि 29 मई का दिन रविवार था और इस दिन कैबिनेट की कोई बैठक नहीं हुई। दूसरी बात, इसमें डीओपीटी को सारा मामला भेजने को कहा गया है जबकि यह विभाग केवल सर्विंग एम्प्लॉयी का मामला देखता है जबकि पेंशनर से जुड़े मामले डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DoPPW) में आते हैं। सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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