New Education Policy Latest News | हाई स्कूल इंटर में विज्ञान ,कला और वाणिज्य वर्ग की बाध्यता होगी खत्म, देखें क्या होंगे बदलाव


भविष्य की चुनौतियों व व्यावहारिक पहलुओं पर मंथन के बाद लागू हुई नई शिक्षा नीति 2020 बड़े बदलाव का वाहक बनेगी। प्रदेश में इसे चरणवार लागू किया जा रहा है, अभी कुछ प्रविधान अमल में आएं हैं, अगले वर्षों में और बड़े बदलाव दिखेंगे। इससे शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल बदलाव तो आएगा ही, नये भारत के निर्माण के सपने को भी साकार करने में सक्षम साबित होगी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नई नीति में शिक्षा के पूरे प्रारूप में ही बदलाव किया गया है। 10 2 को खत्म करके 5 3 3 4 प्रारूप को अपनाया गया है। इसके तहत पहले पांच साल में बुनियादी शिक्षा दी जाएगी। इसमें प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन वर्ष, पहली व दूसरी कक्षा के एक-एक साल शामिल होंगे। बच्चों पर से किताबों के बोझ को हल्का करके खेलकूद सहित अन्य गतिविधियों के जरिये पढ़ाई कराई जाएगी, ताकि बच्चों का स्वाभाविक विकास हो सके।

नई नीति में तीन से पांचवीं कक्षा में विद्यार्थियों के भविष्य का आधार तैयार करने के लिए विज्ञान, गणित, कला व सामाजिक विषयों की शिक्षा दी जाएगी। अगले तीन साल माध्यमिक स्तर के होंगे जिसमें कक्षा छह से आठवीं तक की कक्षाओं में तय कोर्स की शिक्षा मिलेगी। साथ ही कक्षा छह से बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। बच्चों को कंप्यूटर में निपुण बनाने के लिए स्कूल में ही किसी संस्थान से व्यावहारिक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। स्नातक की डिग्री अब तीन और चार साल की होगी। पहले साल की पढ़ाई पूरी करने पर छात्र को सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष में डिप्लोमा और तीसरे व चौथे साल में डिग्री दी जाएगी। चार साल की डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों को एक साल में परास्नातक करने की भी सुविधा मिलेगी।