Primary Ka Master | Basic Shiksha Curriculum अगले सत्र से स्कूलों में नए कोर्स से पढ़ाई, अप्रैल 2024 से पहले तक स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने का लक्ष्य

नई दिल्ली : बालवाटिका की तरह स्कूली शिक्षा का बाकी पाठ्यक्रम भी बच्चों के लिए रुचिकर व मूल्यपरक होगा। इसे तैयार करने का काम इन दिनों तेजी से चल रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि अगले साल यानी अप्रैल 2024 से पहले तक स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों के लिए पाठ्यक्रम तैयार हो जाएगा। इसके आधार पर शैक्षणिक सत्र 2024 - 25 से स्कूलों में इसकी पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। केंद्रीय विद्यालयों से इस पर अमल शुरू होगा।

 


शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के बुनियादी स्तर के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अध्ययन सामग्री जारी करने के साथ ही एनसीईआरटी को स्कूलों के बाकी पाठ्यक्रम को भी तैयार करने का लक्ष्य दिया है। बालवाटिका की अध्ययन सामग्री से जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे साफ है कि नया पाठ्यक्रम रुचिकर, मूल्यपरक, सामाजिक व सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ाने वाला होगा। इसकी पढ़ाई भी खिलौना और इनोवेशन आधारित होगी।

एनसीईआरटी के अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों के लिए तैयार किए जा रहे नए पाठ्यक्रम में उन सभी पहलुओं को प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है, जिसकी सिफारिश नीति में की गई है। राज्यों को स्वतंत्रता दी गई है कि वे पाठ्यक्रम की मूल भावना को छोड़कर स्थानीय विषयवस्तु को स्कूली पाठ्यक्रम में जगह दे सकते हैं।"

शिक्षा मंत्रालय ने नया पाठ्यक्रम -
तैयार करने का लक्ष्य तय करने के साथ ही इसके अमल की तैयारियां भी तेज कर दी हैं। नए पाठ्यक्रम पर अमल सबसे पहले केंद्रीय विद्यालयों से होगा। ऐसे में मंत्रालय ने देशभर के सभी केंद्रीय विद्यालयों से इसकी तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। राज्यों से भी कहा है कि वे नए पाठ्यक्रम को अपने स्कूलों में लागू करने की तैयारी रखें। एनसीईआरटी ने इस संबंध सभी राज्यों के राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को निर्देश दिए हैं। इसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण सहित नए पाठ्यक्रम के अमल से जुड़ी तैयारियां शामिल हैं। इस बीच शिक्षा मंत्रालय ने सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए जिन खिलौनों का इस्तेमाल हो, वह पूरी तरह से भारतीय हो और देश में बना हो।