मई से कड़ी शर्तों के साथ ग्रीन जोन को मिलेगी छूट - primary ka master covid19 relaxation


देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण तीन मई को पूरा होने पर ग्रीन जोन के तौर पर चिह्नित इलाकों को कुछ कड़ी शर्तों के साथ छूट दिए जाने की कवायद चालू हो गई है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित रेड जोन इलाकों को फिलहाल राहत नहीं दी जाएगी। लेकिन दिल्ली, मुंबई, नोएडा, इंदौर समेत कुछ अन्य ‘हॉटस्पॉट’ शहरों के लिए मंत्री समूह (जीओएम) अलग से रोडमैप तैयार कर रहा है।  किन शहरों में आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए किस तरह की छूट दी जाए, इस पर मंथन जारी है। हॉटस्पॉट वाले इलाके पहले की तरह ही सील रखे जाएंगे।
मई से कड़ी शर्तों के साथ ग्रीन जोन को मिलेगी छूट - primary ka master covid19 relaxation

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ग्रीन जोन में तीन मई के बाद लॉकडाउन को आगे नहीं बढ़ाने पर विचार कर रही है। कोरोना से निपटने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले जीओएम में ऐसा करने के लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है। ग्रीन जोन की श्रेणी में उन इलाकों को रखा गया है, जो संक्रमण मुक्त हैं या वहां आंशिक तौर पर ही इसका असर है। ऐसे इलाकों में लॉकडाउन तो हटाया दिया जाएगा लेकिन स्थानीय निवासियों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने समेत कई अन्य कड़ी शर्तों का पालन करना होगा। ऐसा नहीं किए जाने पर इलाके में दोबारा लॉकडाउन लगा दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि रेल, हवाई और अंतरराज्यीय बस सेवाओं पर रोक लॉकडाउन के बाद भी जारी रहेगी। हालांकि बुधवार को जीओएम स्थिति की विस्तृत समीक्षा करेगा।
जारी रहेंगी ये पाबंदियां
- घर के बाहर मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग होगा अनिवार्य
- शादी, समारोह, धार्मिक आयोजन, जनसभा पर होगी पाबंदी
- सीमित कर्मचारियों के साथ खोल सकेंगे कार्यालय
- सीमित संख्या में ही सड़क पर निकलेंगे निजी वाहन
- आवश्यक सेवाओं से जुड़ी गतिविधियाें को ही बढ़ावा
- प्रमुख बाजारों की दुकानों को भीड़ रहित व्यापार की छूट
- सभी मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन के दूसरे चरण की मियाद खत्म होने से पहले एक बार फिर से सभी राज्यों के सीएम, विभिन्न दलों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे। पीएम इससे पहले भी दो बार मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक कर चुके हैं। तीन मई के बाद की रणनीति पर पीएम मुख्यमंत्रियों, विशेषज्ञों और विभिन्न दलों के नेताओं से राय लेकर ही अंतिम फैसला करेंगे ।