68500 shikshak bharti में गलतियों को दरकिनार कर थोक के भाव पास हुए 4688 कैंडिडेटस
प्रयागराज : प्रतियोगी परीक्षा में सवाल और जवाब का मानक बदलने से बड़ा बदलाव हो सकता है। 68,500 भर्ती की लिखित परीक्षा इसका प्रमाण है इसके पुनमरूल्यांकन में गलतियों को नजरंदाज किया गया, लिहाजा सफल होने वालों की तादाद सैकड़ों से बढ़कर 46,88 तक पहुंच गई थी। हैरत यह है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक पद पर ऐसे अभ्यर्थियों को अंक बांट दिए गए, जो अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के जवाब सलीके से नहीं लिख सके। उसमें व्याकरण सहित अन्य तमाम दोष थे। सभी नियुक्ति पा चुके हैं और अब भी कई नियुक्ति पाने की कतार में हैं।
पिछली भर्ती जैसे हालात अब 69000 शिक्षक चयन में भी है। यह परीक्षा ओएमआर बेस्ड थी, इसलिए उसकी कॉपी का मूल्यांकन संभव नहीं है, सिर्फ प्रश्नों के जवाब बदल जाने से उत्तीर्ण होने वालों की संख्या में उलटफेर हो जाएगा।
ज्ञात हो कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने परीक्षा में पूछे गए 150 सवालों में से 142 का जवाब तय करने का आदेश दिया है। इसकी जांच यूजीसी से कराने से निर्देश हैं। यूजीसी की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी और तब फैसला सुनाया जाएगा।
पिछली भर्ती जैसे हालात अब 69000 शिक्षक चयन में भी है। यह परीक्षा ओएमआर बेस्ड थी, इसलिए उसकी कॉपी का मूल्यांकन संभव नहीं है, सिर्फ प्रश्नों के जवाब बदल जाने से उत्तीर्ण होने वालों की संख्या में उलटफेर हो जाएगा।
ज्ञात हो कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने परीक्षा में पूछे गए 150 सवालों में से 142 का जवाब तय करने का आदेश दिया है। इसकी जांच यूजीसी से कराने से निर्देश हैं। यूजीसी की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी और तब फैसला सुनाया जाएगा।