पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन तेज करने की तैयारी, कर्मचारियों के अनुसार ओपीएस और एनपीएस में अंतर Difference between OPS and NPS 
दो वर्षों से तेज आंदोलन के बाद भी पुरानी पेंशन स्कीम ( ओपीएस ) लागू नहीं होने से नाराज राज्य कर्मचारी एक बार फिर लामबंद हो रहे हैं। कोरोना काल में सोशल मीडिया को हथियार बताते हुए उन्होंने अलग-अलग समूहों में देश भर में अभियान छेड़ रखा है। कर्मचारी सोशल मीडिया पर न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के नुकसान भी बता
रहे हैं। साथ ही प्रदर्शन पर रोक हटने के बाद बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। कर्मचारियों में सबसे अधिक नाराजगी न्यू पेंशन स्कीम को लेकर है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ 32 बिंदुओं को लेकर लगातार आंदोलनरत है।
इनके अलाव राज्य कर्मचारी परिषद, अटेवा आदि संगठनों ने भी मोर्चा खोल रखा है। गवर्नमेंट पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पूर्व मंडलायुक्त आरएस वर्मा का कहना है कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की यह सबसे सुरक्षित राशि होती है। उसके भविष्य की सभी योजनाएं इसी पर निर्भर होती हैं, लेकिन नई स्कीम में रिटायरमेंट के समय हमें कितना पैसा मिलेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं होती। कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष नरसिंह का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम में जीपीएफ में हुई कटौती के एक-एक पैसे का उनके पास हिसाब होता है। इसके अलावा पेंशन कितनी मिलेगी, यह भी पता होता है। लेकिन, नई स्कीम कर्मचारियों के साथ धोखा है। हमारे ही पैसे को सरकार बाजार में लगा रही है और हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं। बताया, रोक के कारण सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है।