सरकारी कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा पर जबरन रिटायर करने वाले आदेश कर्मचारियों संगठनों ने वापस लेने की उठायी मांग - demand back permanent retirement

सरकारी कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा पर जबरन रिटायर करने वाले आदेश कर्मचारियों संगठनों ने वापस लेने की उठायी मांग - demand back permanent retirement
इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र और महामंत्री प्रेमचंद्र ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि 30 वर्ष की सेवा पर कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने के निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए। उनका कहना है क्योंकि 30 वर्ष की सेवा में कर्मचारियों के बच्चों की उच्च शिक्षा शादी विवाह 
तथा आवास आज की व्यवस्था करनी होती है। उसके सेवानिवृत्त कर दिए जाने पर कर्मचारी का तो नहीं उसके परिवार का नुकसान होगा। प्रेमचंद्र ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में मुश्किल से 50 प्रतिशत नियमित कर्मचारी रह गए हैं। पद खाली पड़े हैं भर्तियां नहीं की जा रही हैं। कांट्रेक्चुअल बेसिस पर कर्मचारी रखकर काम कराया जा रहा है। उन्हें एक तो बहुत कम धनराशि दी जाती है वह भी कई कई महीने बाद। उन्होंने कहा कि इसी कारण सरकार के सभी कार्यों के संपादन में बाधा पड़ रही है। उन्होंने कहा कि छह सितंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी जिसमें अग्रिम कार्यवाही का निर्णय लिया जाएगा जिसमें आंदोलन भी शामिल है। बैठक में इप्सेफ के वरिष्ठ पदाधिकारी अतुल मिश्रा राष्ट्रीय सचिव ,डॉ के के सचान, शशि कुमार मिश्रा अशोक कुमार, उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्र आदि आज बैठक में उपस्थित थे। उधर, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने भी सरकार के इस आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
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