बेसिक शिक्षकों को समय पालन व नैतिकता की घुट्टी पिलाने वाले बीएसए साहब के दफ्तर का समय बेमानी bsa jaunpur news

जौनपुर। नौनिहालों को शिक्षा, संस्कार के साथ अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले बेसिक शिक्षा विभाग में भी अफसर और कर्मचारी रोज आते-जाते हैं। उनके लिए दफ्तर आने का समय बेमानी है। दफ्तर का समय भले ही साढ़े नौ बजे हो लेकिन बुधवार को दस बजे तक कई कक्षों में ताला लटका रहा। शिक्षकों से समय पर स्कूल पहुंचने की उम्मीद रखने वाले बीएसएफ कार्यालय में खुद अफसर-कर्मचारी समय के पाबंद नहीं हैं। यहां पौने दस बजे तक साफ-सफाई ही चल रही थी। कई कमरों पर ताला लटक रहा था। कार्यालय के पिछले हिस्से में गंदगी का ढेर स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा था।

यहां लेटलतीफी का यह हाल तब है, जब हाल ही में जिलाधिकारी इस कार्यालय का निरीक्षण किया था। सभी कर्मचारियों को समय से दफ्तर आने की हिदायत दी थी बावजूद समय सीमा का यह पालन नहीं हो रहा। स्कूल अवधि में ही शिक्षक कार्यालय के आसपास मंडराते नजर आए। शिक्षा विभाग के मुख्य कर्ता- धर्ता बने इस कार्यालय में अव्यवस्थाओं का यह हाल जिले की शिक्षा व्यवस्था का सच भी बता रहा था।
जिला समन्वयक कक्ष में नौ बजकर 40 मिनट पर ताला लटका रहा। सुबह 9.45 बजे बीएसए कक्ष में सफाई हो रही थी। सफाई करने वाला कैमरा देखते ही जाने लगा, लेकिन तब तक उसकी फोटो खिंची जा चुकी थी 10 बजे बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी खुद 10 बजे के बाद आए। वाहन से उतरकर सीधे कार्यालय में जाकर बैठ गए।
विद्यालय का निरीक्षण करने गया था। जो भी कर्मचारी समय से ऑफिस नहीं आए होंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जहां तक शिक्षकों का बीएसए कार्यालय में जमे रहने का सवाल है तो कोई शिक्षक यहां नहीं रहता है। सभी को आठ बजे से लेकर दो बजे तक विद्यालय में रहने का निर्देश दिया गया है। फिर भी अगर कोई शिक्षक विद्यालय अवधि में यहां मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -प्रवीण कुमार तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी
अभिलेखों पर जमी धूल की मोटी परत
बीएसए कार्यालय में पत्रावलियों को सुरक्षित नहीं रखा गया है भवन के दूसरे पर गलियारे में कपड़े में बांधकर पत्रावलियां अस्त व्यस्त रखी गई है। जिस पर धूल जमा है। पिछले दिनों डीएम ने भी जांच के दौरान गलियारों में असुरक्षित रखो पत्रावलियों को देखकर नाराजगी जताई थी। साथ ही पत्रावलियों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक पत्रावलियों को सुरक्षित नहीं रखा जा सका है।