अगले साल से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नीति में बड़े बदलाव के आसार - Inter district Transfer Policy 2021 May Be Changed

आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय पदाधिकारियों, प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, रीना त्रिपाठी एवं अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्री ओमपाल जी ने बेसिक शिक्षा मंत्री श्री सतीश द्विवेदी से भेंट किया। शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई। अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण के सम्बन्ध में चर्चा के उपरांत माननीय मंत्री जी द्वारा बताया गया कि स्थानान्तरण नीति में परिवर्तन की प्रक्रिया गतिमान है। शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
*बताया गया है कि-*
*1-ग्रामीण और नगर का कैडर समाप्त करके एक किया जाएगा।*
*2-स्थानान्तरण के पश्चात महिला शिक्षकों की भांति पुरुष शिक्षकों से भी विकल्प लिया जाएगा।*
*3-स्थानान्तरण के पश्चात सीधे विद्यालय में नियुक्ति होगी न कि बी एस ए कार्यालय में महीने भर लटकाए रखा जाएगा।*
*4-पारस्परिक स्थानान्तरण की सूची घोषित नहीं करने का कारण भी यही बताया गया है ताकि अनावश्यक दबाव न पड़े।*
*5-नवनियुक्त शिक्षकों को भी इस नवीन प्रक्रिया के ही आधार पर विद्यालय आवंटित किया जाएगा।*

Note:- क्योंकि मंत्री जी के बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार बेसिक शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव और परिवर्तन करने की ओर अग्रसर है तो ऐसी स्थिति में हम सभी शिक्षकों को चाहिए कि वह अपने अपने बहुमूल्य उपयोगी सुझाव बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव निदेशक महानिदेशक मुख्य सचिव राज्यपाल महोदय को रजिस्टर्ड डाक पत्र के माध्यम से अपने परिवारी जनों या स्वयं के नाम से भेज कर आगामी शिक्षा क्षेत्र ट्रांसफर पॉलिसी बनाने में शासन प्रशासन का सहयोग करें जिससे भविष्य में होने वाले अंतर्जनपदीय ट्रांसफर से मेहरून लोग इसका फायदा उठा सकें और अपने अपने निकटवर्ती जनपद या मंडल में तैनाती पा सकें यहां यह भी उल्लेखनीय है की हाल ही में एक शिक्षक संगठन ने सरकार से यह मांग की है की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अधिकारों में कटौती की जाए और नियुक्ति प्राधिकारी मंडल स्तरीय बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी को बनाया जाए और यदि शिक्षकों की तैनाती गृह जनपद में हो पाना सरल और संभव ना हो तो शिक्षकों को कम से कम उनके ग्रह मंडल में तो तैनाती दी ही जानी चाहिए ।
और नया पुराने