केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन में अब सांसदों के अलावा बाकी सिफारिशी कोटा खत्म | Central Govt School Admission Rule

केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन में अब सांसदों के अलावा बाकी सिफारिशी कोटा खत्म | Central Govt School Admission Rule
● केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन को लेकर बड़ा फैसला किया है
● अब शिक्षा मंत्रालय से अंधाधुंध सिफारिशी पत्र जारी नहीं हो पाएंगे
● सभी सांसदों को अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में 10-10 सिफारिश करने की अनुमति होगी
● केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी अपनी सिफारिश पर सिर्फ 10 एडमिशन ही दिला पाएंगे



नई दिल्ली
केंद्रीय विद्यालयों में अब सांसदों के 10 कोटे के इतर किसी नेता या मंत्री की सिफारिश पर बच्चों के एडमिशन नहीं हो पाएंगे। केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा मंत्रालय का कोटा खत्म करने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, अब सिर्फ सांसदों के पास ही अपने क्षेत्र में 10 एडमिशन कराने का अधिकार बचा है।

 यूपीए सरकार में कपिल सिब्बल के शिक्षा मंत्री रहते हुए उस वक्त भी ऐसा ही फैसला लिया गया था लेकिन तब विरोध के बाद यह फैसला वापस ले लिया गया था। अब केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन में सांसदों के अलावा बाकी सब कोटा खत्म करने का फैसला किया है। यानी, अब केंद्रीय शिक्षा मंंत्री के पास भी बतौर सांसद ही 10 कोटा बचेगा, उनके मंत्रालय को मिला भारी-भरकम कोटा छीन लिया गया है।


एक सांसद 10 एडमिशन की ही कर सकेंगे सिफारिश
सूत्रों के मुताबिक इस फैसले की जानकारी सांसदों को दी जा रही है ताकि वह 10 बच्चों के अलावा और किसी एडमिशन के लिए शिक्षा मंत्रालय में सिफारिश ना भेजें। लोकसभा के सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र में आने वाले केंद्रीय विद्यालयों में अधिकतम 10 बच्चों के एडमिशन की सिफारिश कर सकते हैं। 

इसी तरह राज्यसभा सांसद अपने राज्य के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में अधिकतम 10 बच्चों का एडमिशन करा सकते हैं। पहले सांसदों का यह कोट छह एडमिशन का ही होता था जिसे 2016-17 में बढ़ाकर 10 कर दिया गया। इस कोटे के अलावा एजुकेशन मिनिस्टर 450 एडमिशन की सिफारिश कर सकते थे। ये सिफारिशें भी वही होती थी जो किसी नेता या सांसद के जरिए मंत्रालय तक आती थी।


अब नहीं रहेगा यह कोटा
वैसे यह 450 की लिमिट कभी रही नहीं और हर सत्र में इससे कहीं ज्यादा एडमिशन मंत्रालय की सिफारिश पर केंद्रीय विद्यालयों में होते रहे। 2018-19 में 8 हजार से ज्यादा एडमिशन मंत्रालय की सिफारिश पर किए गए। इन सिफारिशों में ज्यादातर गरीब और जरूरतमंद बच्चे ही शामिल होते थे जिनका केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए स्थानीय नेता या सांसद मंत्रालय में सिफारिश करते थे। अब यह कोटा नहीं रहेगा।


2010 में यूपीए-2 सरकार में जब कपिल सिब्बल एचआरडी मिनिस्टर थे उस वक्त उन्होंने एडमिशन में मिनिस्टर का कोटा और सांसदों का कोटा भी खत्म कर दिया था। जिसके बाद संसद के अंदर और बाहर सांसदों ने विरोध किया। दो महीने के भीतर ही यह फैसला वापस लेना पड़ा। तब सांसदों का कोटा तो बहाल कर दिया गया लेकिन मिनिस्टर का कोटा बहाल नहीं किया गया। जब 2014 में एनडीए सरकार आई और स्मृति इरानी एचआरडी मिनिस्टर बनीं तब उन्होंने केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए मिनिस्टर का कोटा बहाल किया।
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