बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक व दो में मृदंग की अभ्यास पुस्तिका सिखाएगी अच्छी अंग्रेजी, अंग्रेजी की पुस्तक मृदंग के साथ अलग-अलग वर्क बुक भी तैयार

आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान प्रयागराज ने तैयार कर छपने के लिए एससीईआरटी को भेजा

अंग्रेजी की अभ्यास पुस्तिका मौखिक कौशल के साथ लेखन सुदृढ़ करने में करेगी सहायता


प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा दो की तरह अब कक्षा एक के विद्यार्थी अलग-अलग विषय की पढ़ाई अलग-अलग पुस्तकों से करेंगे। अंग्रेजी विषय के लिए आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआइ) ने कक्षा एक व दो के लिए अंग्रेजी की पुस्तक मृदंग के साथ अलग-अलग अभ्यास पुस्तिका (वर्क बुक) भी तैयार की है।



नई शिक्षा नीति में पुस्तकें मौखिक कौशल पर ज्यादा आधारित हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर ईएलटीआइ ने मौखिक के साथ लेखन कौशल सुदृढ़ करने के लिए अंग्रेजी की अभ्यास पुस्तिका तैयार कर छपने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेजी है। इसमें इस पर विशेष ध्यान दिया गया है कि बच्चे चित्रों एवं रंगों के उपयोग से मजेदार तरीके से अभ्यास कर अच्छी अंग्रेजी सीख सकें।

कक्षा एक के लिए अंग्रेजी की मृदंग-1 तथा कक्षा-2 की पाठ्यपुस्तक मृदंग-2 पूर्व की पाठ्यपुस्तक से सर्वथा भिन्न है। कक्षा एक में सभी विषयों का पाठ्यक्रम अब तक एक ही पुस्तक में था। इसमें अंग्रेजी विषय भी शामिल था। ईएलटीआइ के प्राचार्य डा. स्कंद शुक्ल ने बताया कि नई पाठ्यपुस्तकें पूर्व की पाठ्यपुस्तकों से सर्वथा भिन्न हैं। अंग्रेजी की पु पुस्तक मृदंग में। हर पाठ में आकर्षक चित्रण का समावेश किया गया है। यह बच्चों के साथ अंग्रेजी में बातचीत करने के कौशल को विकसित करने का अवसर प्रदान करेंगे। इसके अलावा बच्चों के लिए तैयार की गई अभ्यास पुस्तिका पेन/ पेंसिल पकड़ने से लेकर रेखाएं खींचने, चित्र तथा शब्द बनाने का कौशल चरणबद्ध ढंग से सिखाएगी। 

बच्चों में टेढ़ी मेढ़ी लाइन खींचने व टेढ़ा-मेढ़ा चित्र बनाने की प्रवृत्ति को देखते हुए अभ्यास पुस्तिका में कई अनोखे प्रयोग किए गए हैं। फन विद फ्रैंड्स, माई फैमिली जैसे अध्याय को चित्रों के माध्यम से पहचानने व लिखकर अभ्यास कराए जाने की व्यवस्था की गई है। चित्रों में क्रम संख्या लिखकर बच्चे उसके अलग- अलग भागों में अलग-अलग रंग भरेंगे। इससे वह रंगों व अंकों की पहचान भी कर सकेंगे। इस तरह उनका अंग्रेजी की रुझान बढ़ेगा, जिससे वह अंग्रेजी के शब्द और वाक्य बनाना जल्दी सीख सकेंगे। इसके अनुरूप पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।