69000 UP Teacher Scam 2020 - फ़ोटो की अदला बदली से हुआ खेल, एसटीएफ का दावा

69000 UP Teacher Scam 2020 - फ़ोटो की अदला बदली से हुआ खेल, एसटीएफ का दावा

69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में बेहतर अंक हासिल करने वाले ऐसे भी अभ्यर्थी हैं, जिनके स्थान पर किसी और ने इम्तिहान दिया। यह संभव इसलिए हो सका, क्योंकि परीक्षा के प्रवेशपत्र पर उसी की फोटो लगी थी, जो परीक्षा कक्ष में पहुंचा।


शिक्षक चयन की काउंसिलिंग में प्रवेशपत्र से फोटो का मिलान होता नहीं, बल्कि फोटो का मिलान उस पहचान पत्र से होता है, जिसका आवेदन पत्र पर अभ्यर्थी उल्लेख करता है। इसलिए गड़बड़ी होती है। भर्ती की गड़बड़ियां उजागर हुईं तो सोशल मीडिया पर भी यह माड्यूल चर्चा में है। प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा के आवेदन पत्र पर आधारित है। इसमें अभ्यर्थी खुद एकेडमिक व अन्य परीक्षाओं में मिले अंकों को दर्ज करता है। वहीं, फोटो व वर्ग आदि ऑनलाइन भरता है। 


साफ्टवेयर ऐसा है कि परीक्षा संस्था को आवेदनों की जांच नहीं करनी पड़ती, बल्कि गलत अंकन पर आवेदन पूरा नहीं होता। नियम है कि अभ्यर्थी ने आवेदन में जो सूचनाएं दर्ज की हैं, काउंसिलिंग में उनके साक्ष्य प्रस्तुत करे। पिछले दिनों ऐसे अभ्यर्थियों के अंकपत्र वायरल हुए, जिनमें वर्ग गलत होने का दावा किया गया। इस पर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा है कि ऐसे मामलों का निर्णय काउंसिलिंग में होगा।



अंक गलत, फोटो पर सब मौन : आवेदन में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने एकेडमिक परीक्षाओं के अंक गलत भरे, उसमें सुधार की मांग हुई लेकिन, अनुमति नहीं मिली। कोई अभ्यर्थी फोटो गलत होने की शिकायत नहीं कर रहा, जबकि पूरब के जिलों में दूसरे अभ्यíथयों के परीक्षा देने की चर्चा है। एसटीएफ ने भी शिक्षक भर्तियों में गड़बड़ी के छह प्रकार गिनाए हैं, उनमें दूसरे के स्थान पर चयन भी है।


चयन के बाद फोटो पर जोर : परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षामित्रों आदि के परिचय पत्र बनवाए जा रहे हैं। स्कूलों में सूचना पट पर शिक्षकों के फोटो लगाने के आदेश हैं। यह सब इसीलिए किया जा रहा, ताकि कार्यरत शिक्षक की जगह दूसरा शिक्षण कार्य न करें।
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